प्लास्टिक के टिफिन, कप, प्लेट में खाना खाने से इनफर्टिलिटी का खतरा


प्लास्टिक हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। किचन भी इससे अछूता नहीं है। अनाज स्टोर करने का कंटेनर, पॉलीथिन बैग, माइक्रोसेफ प्लास्टिक कंटेनर से लेकर बच्चों के टिफिन तक, अधिकतर किचन में ये चीजें दिख जाती हैं।

 

haryana  update:  सरकार ने 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन का ऐलान किया है। इसके तहत प्लास्टिक बनाने, बेचने और इसके आयात पर भी रोक लग जाएगी। प्लास्टिक सेहत के लिए कितनी हानिकारक है बता रहे हैं एकार्ड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, फरीदाबाद के डॉ. आर सी सोनी, चेयरमैन गैस्ट्रोएंटरोलॉजी।


प्लास्टिक के कंटेनर में अचार, चटनी जैसी चीजें लंबे समय तक स्टोर करने पर इसका स्वाद बदल जाता है। स्टडी के अनुसार, प्लास्टिक के डिब्बे में सामान रखने से कई बार इसके हानिकारक केमिकल फूड आइटम्स में मिल जाते हैं। ऐसा खाना खाने से मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, मोटापा और इनफर्टिलिटी की समस्या होती है। गर्म प्लास्टिक के कंटेनर में यह केमिकल ज्यादा मात्रा में होता है इसलिए बचे हुए खाने को प्लास्टिक की प्लेट में रखकर कभी माइक्रोवेव में गर्म न करें।


प्लास्टिक की बोतल सेहत के लिए नुकसानदायक होती है। इसके नीचे लिखे कोड से पता चलता है कि बोतल दोबारा इस्तेमाल की जा सकती है या नहीं। बोतल के नीचे कोड के साथ PETE या PET लिखा होता है। इसका मतलब है कि बोतल में पॉलिथिलीन टेपेफथालेट केमिकल का यूज किया गया है। यानी इस बोतल का यूज यदि फिर से किया गया तब ये केमिकल बॉडी में पहुंचकर कैंसर जैसी घातक बीमारी दे सकता है।

 

 


सिंगल यूज प्लास्टिक के तहत प्लास्टिक के कप, प्लेट, ग्लास, कटोरी, कांटा, चम्मच, थर्मोकोल के कप, प्लेट, ग्लास, कटोरी, छोटे-बड़े झंडे, सजावटी सामग्री, कागज के प्लेट, कप, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की प्लास्टिक की डंडी और कप, ईयर बड्स की प्लास्टिक स्टिक, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट पैकेट के इर्द-गिर्द लपेटने या पैक करने वाली प्लास्टिक फिल्म पर बैन लगेगा। इन चीजों में छूट रहेगी- दूध के पैकेट, पैकेज्ड फूड, बोतल बंद पानी, सॉफ्ट या कोल्ड ड्रिंक की बोतल।

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