सरकारी योजना : खट्टर सरकार इस स्कीम के तहत बाँट रही है प्रति एकड़ 7 हजार रुपए, बिना देर किए अभी करे आवेदन 

हमारे देश के विकास में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है। किसान खुद भूखे रहते हैं और दूसरों के लिए भोजन बनाते हैं। प्राकृतिक आपदाएं अक्सर किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाती हैं।
 

किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई हैं। "मेरा पानी मेरी विरासत" और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दोनों महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं।

PM किसान सम्मान निधि में इतनी रकम दी जाती है कि किसानों को बहुत सी सरकारी योजनाओं का पता नहीं है। PM किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार किसानों को 6000 रुपये देती है। इसके अलावा, सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम, "मेरा पानी मेरी विरासत" भी है। धान की फसल के अलावा किसी दूसरी फसल को उगाने के लिए किसानों को प्रेरित करना इस योजना का लक्ष्य है।

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धान की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। भूजल स्तर समय के साथ गिरता ही जा रहा है। भविष्य में पानी की कमी होगी अगर भूजल स्तर इसी तरह गिरता रहा। सरकार ने "मेरा पानी मेरी विरासत" कार्यक्रम शुरू किया है ताकि जल को इस संकट से बचाया जा सके। इस Scheme के तहत धान की फसल छोड़कर अन्य फसलो जैसे मक्का, बाजरा, कपास और मूंग की खेती करने वाले किसानों को सरकार प्रति एकड़ के हिसाब से 7000 रूपये की आर्थिक सहायता देती है.

किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई हैं। "मेरा पानी मेरी विरासत" और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि दोनों महत्वपूर्ण कार्यक्रम हैं।

PM किसान सम्मान निधि में इतनी रकम दी जाती है कि किसानों को बहुत सी सरकारी योजनाओं का पता नहीं है। PM किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार किसानों को 6000 रुपये देती है। इसके अलावा, सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम, "मेरा पानी मेरी विरासत" भी है। धान की फसल के अलावा किसी दूसरी फसल को उगाने के लिए किसानों को प्रेरित करना इस योजना का लक्ष्य है।


धान की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता होती है। भूजल स्तर समय के साथ गिरता ही जा रहा है। भविष्य में पानी की कमी होगी अगर भूजल स्तर इसी तरह गिरता रहा। सरकार ने "मेरा पानी मेरी विरासत" कार्यक्रम शुरू किया है ताकि जल को इस संकट से बचाया जा सके। इस Scheme के तहत धान की फसल छोड़कर अन्य फसलो जैसे मक्का, बाजरा, कपास और मूंग की खेती करने वाले किसानों को सरकार प्रति एकड़ के हिसाब से 7000 रूपये की आर्थिक सहायता देती है.