हरियाणा न्यूज़: हरियाणा में नहीं होगी खाद की मारामारी, सरकार ने निकाला समाधान, शुरुआत होगी यमुनानगर से

हरियाणा की मनोहर सरकार डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी कड़ी में अब राज्य में किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर न केवल फसल पंजीकरण बल्कि उर्वरक आवश्यकता का विवरण भी देना होगा।
 

Haryana News: हरियाणा सरकार डिजिटलीकरण की ओर तेजी से बढ़ रही है। अब राज्य में किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर न केवल फसल पंजीकरण करना होगा, बल्कि उर्वरक की आवश्यकता भी बतानी होगी। आपको बता दें कि खट्टर सरकार ने हर साल होने वाले फर्टिलाइजर विवाद से बचने के लिए यह उपाय सोचा है।

इस शहर से

यमुनानगर जिले में उर्वरक की मांग और खपत अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक है, इसलिए इसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। यमुनानगर जिला इसलिए पहले चरण के लिए चुना गया है ताकि इसकी खूबियों और कमियों को उजागर किया जा सके। इसका प्रयोग इस जिले में सफल रहा तो दूसरे जिलों में भी किया जाएगा।

राज्य सरकार का कहना है कि ऐसा करने से किसान सिर्फ अपनी आवश्यकता के हिसाब से खाद लेगा और अधिक नहीं लेगा। इससे किसानों को खाद के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा और खाद का काला कारोबार बंद हो जाएगा। दूसरे राज्यों में खाद जमा करने और भेजने पर भी रोक लगेगी।

क्रोध का समय

आपको बता दें कि हरियाणा में रबी और खरीफ सीजन में औसतन 8 लाख मीट्रिक टन उर्वरक खपत होती है। रबी सीजन से यह नवाचार शुरू होगा। सीजन से पहले किसानों से खाद की मांग ऑनलाइन ली जाएगी, फिर खाद उसी हिसाब से दी जाएगी।
 

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