NPS Scheme : कर्मचारियो को मिलेगी 1 लाख रुपए पेंशन, जानिए सरकार का नया प्लान 

18 से 70 वर्ष के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक, चाहे वह सरकारी या निजी क्षेत्र का कर्मचारी हो, नेशनल पेंशन स्कीम के तहत निवेश कर सकता है।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 

आप अपनी पसंद की जीवनशैली में आराम से जी सकते हैं जब आप काम करते हैं या अधिक पैसे कमाते हैं। लेकिन रिटायरमेंट के बाद कई समस्याएं आ सकती हैं जब आपकी दैनिक आय कम हो जाती है या कोई स्रोत नहीं होता है। इसलिए रिटायरमेंट प्लानिंग करना बहुत जरूरी है। बहुत से सैलरीड लोग अपनी नौकरी के कई साल और कमाई का बड़ा हिस्सा सिर्फ अपने शौक या आवश्यकताओं को पूरा करने पर खर्च करते हैं। यही कारण है कि उनका रिटायरमेंट प्लान पीछे छूट जाता है। भविष्य के खर्चों पर उनकी चिंता बढ़ जाती है जब कई साल निकल जाते हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यहां बताया जाएगा।
रिटायरमेंट योजना बनाते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है, लेकिन तेजी से बढ़ रही महंगाई सबसे महत्वपूर्ण है।

(NPS): राष्ट्रीय पेंशन व्यवस्था समस्या दूर कर सकती है

रिटायरमेंट करीब आने पर बहुत से लोग नहीं जानते कि कहां निवेश करें। योजना बनाने का ज्ञान रखने वाले लोगों ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को सरकारी पेंशन स्कीम का बेहतर विकल्प बताया। ये एक सरकारी रिटायरमेंट बचत कार्यक्रम है। 1 जनवरी 2004 को केंद्र सरकार ने इसे शुरू किया था। ये योजनाएं इस तिथि के बाद नौकरी पर आने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य हैं। 2009 से प्राइवेट कर्मचारियों के लिए भी खुला है।

क्या नेशनल पेंशन स्कीम है?

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) और केंद्र सरकार की देखरेख में रिटायरमेंट के लिए एक वॉलंटरी योजना है। NPS एक सामुदायिक सुरक्षा कार्यक्रम है जिसे केंद्र सरकार ने शुरू किया है। सशस्त्र बलों के अलावा ये पेंशन कार्यक्रम निजी, सार्वजनिक और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध हैं। 18 से 70 वर्ष के बीच का कोई भी भारतीय नागरिक, चाहे वह सरकारी या निजी क्षेत्र का कर्मचारी हो, नेशनल पेंशन स्कीम के तहत निवेश कर सकता है। NRI भी योग्य हैं। NPS में अकाउंट खुलने के बाद 60 साल की उम्र तक या 20 साल की मैच्योरिटी पीरियड तक इसमें शामिल होना चाहिए।

30 साल तक हर महीने 10 हजार रुपये इस स्कीम में निवेश करने पर मंथली पेंशन 1 लाख रुपये होगी, और रिटायरमेंट पर एकमुश्त 1 करोड़ रुपये मिलेगा।

जमा और ब्याज

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यह स्कीम गारंटीड रिटर्न नहीं दे सकती क्योंकि NPS का एक हिस्सा इक्विटी में जाता है। फिर भी, PPF जैसे अन्य ट्रेडिशनल लॉन् ग टर्म इन्वेस्टमेंट की तुलना में यह स्कीम अधिक रिटर्न दे सकती है। NPS ने अब तक 9% से 12% प्रति वर्ष रिटर्न दिया है। NPS में आप अपने निवेश मैनेजर को बदलने का भी विकल्प रखते हैं अगर आप निवेश से संतुष्ट नहीं हैं।

कितना रिस्क

फिलहाल, राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के इक्विटी एक्सपोजर पर 75 प्रतिशत से 50 प्रतिशत की सीमा है। ये सीमा सरकारी कर्मचारियों के लिए 50% है। निर्दिष्ट सीमा के अनुसार, जिस वर्ष निवेशक की उम्र 50 वर्ष हो जाएगी, उस वर्ष से शुरू करके उनकी इक्विटी का प्रति वर्ष 2.5% कम हो जाएगा। हालाँकि, 60 वर्ष से अधिक उम्र के निवेशकों के लिए पांच प्रतिशत की सीमा है। ये कॉर्पस इक्विटी को बाजार में होने वाली अस्थिरता से कुछ हद तक सुरक्षित रखता है, निवेशकों के हित में रिस्क-रिटर्न इक्वेशन को स्थिर करता है। NPS की अर्निंग क्षमता, दूसरे फिक् स् ड इनकम योजनाओं की तुलना में अधिक है।

टैक्स कानून

U/S 80CCD (1) : टियर 1 निवेश के लिए ग्राहक का योगदान, सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की कुल सीमा तक कर छूट के योग्य है।
U/S 80CCD 1(B) का विवरण: ग्राहकों को टियर 1 योगदान के लिए 50,000 रुपये तक का भुगतान करने की अनुमति है, जो सेक्शन 80CCD (1) के तहत किया जाता है।
U/S 80CCD द्वितीय: टियर 1 निवेश के लिए एम्प्लॉयर का योगदान केंद्र सरकार के लिए 14% तक डिडक् शन के लिए योग्य है, जबकि अन्य निवेशों के लिए 10% तक डिडक् शन के लिए योग्य है। 80C धारा में लागू डिडक्शन लिमिट से यह अधिक है।80C धारा में लागू डिडक्शन लिमिट से यह अधिक है।
अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट

टियर 1 कंट्रीब्यूशन से निकाली गई 25 प्रतिशत तक की राशि टैक्स से छूट जाती है।
NPS फंड एन्यूइटी परचेज को टैक्स से छूट देता है। ऐसी एन्यूइटी से बाद में आय टैक्सेबल है।
ग्राहक की 60 वर्ष की उम्र के बाद कॉर्पस की 40% तक निकासी टैक्स फ्री है।
60 साल की उम्र के बाद, अगर NPS का कुल धन 20 लाख रुपये है, तो 40 प्रतिशत, या 8 लाख रुपये की एकमुश्त निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
इसके अलावा, अगर आप कॉर्पस से शेष 60% एन्युटी खरीदते हैं, तो आप पूरी रकम को टैक्स फ्री कर सकते हैं। एन्युटी से आय ही टैक्सेबल है।

(NPS): रिटायरमेंट के बाद बाहर निकलना

कुल कॉर्पस का 60% तक एकमुश्त निकाल सकते हैं। शेष चालिस प्रतिशत एन्युटी में जाता है। नई NPS गाइडलाइन के अनुसार, अगर कॉर्पस की कुल राशि 5 लाख रुपये या कम है, तो सब्सक्राइबर एन्युटी प्लान खरीदने के बिना पूरी राशि निकाल सकते हैं। यह निकासी भी टैक्समुक्त है।उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति का 4.5 लाख रुपये का कॉर्पस रिटायरमेंट के बाद पूरी रकम निकाल सकता है।

टैक्स फ्री निकासी की सीमा 6 लाख रुपये होगी अगर कॉर्पस 10 लाख रुपये से अधिक है। उन्हें चार लाख रुपये के अतिरिक्त पैसे के लिए एक एन्युटी प्लॉट खरीदना होगा। NPS से निकासी टैक्स-मुक्त है, लेकिन एन्युटी पर इनकम ब्रैकेट पर टैक्स लगता है।