OPS Scheme : योगी सरकार कर रही है नया प्लान तैयार, पुरानी पेंशन योजना फिर होगी लागू
इसके लिए प्रदेश के शिक्षक और कर्मचारी भी लगातार मांग कर रहे हैं। विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी इसे लेकर कोर्ट गए हैं।
जिन शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया अप्रैल 2005 से पहले शुरू हुई लेकिन तैनाती उसके बाद हुई, वे पुरानी पेंशन पाएंगे। ऐसे कर्मचारी, केंद्र की तरह, पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं। साथ ही, वे कोर्ट के दरवाजे खटखटा रहे हैं और उनके पक्ष में निर्णय भी होने लगा है। यह देखते हुए, कई विभागों ने ऐसे कर्मचारियों का विवरण मांगना शुरू किया है।
लेखपालों के पक्ष में न्यायालय का निर्णय
2004 अप्रैल से केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना शुरू की। वहीं, प्रदेश सरकार ने इसे अप्रैल 2005 से लागू किया था। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग पर, ऐसे कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू हो गई है, जिनकी भर्ती का विज्ञापन अप्रैल 2004 से पहले निकला था लेकिन बाद में तैनाती मिली थी।
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लेखपालों ने भी ऐसे ही एक मामले में कोर्ट में अपील की थी। इन लेखपालों की भर्ती का विज्ञापन 1999 में प्रकाशित किया गया था, लेकिन उनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 में हुई थी। कोर्ट ने उनका पक्ष लिया है। कुछ शिक्षक भी कोर्ट गए हैं।
बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने भी इन विभागों में शुरू की गई प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों का विवरण जुटाना शुरू कर दिया है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को इस बारे में पत्र लिखा है। इसमें विज्ञापन और नियुक्ति तिथि के अलावा कर्मचारियों के अन्य विवरण मांगे गए हैं।
वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुरेंद्र तिवारी ने पत्र जारी कर विवरण की मांग की है। यह पहल अच्छा है, लेकिन प्राथमिक शिक्षक संघ प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि इसमें विशिष्ट बीटीसी वालों को छोड़कर ब्योरा मांगा जा रहा है, जो गलत है। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के अध्यक्ष राम मूरत यादव ने भी न्यायालय की निर्णय पर खुशी व्यक्त की है।