PMGKAY: अगले पाँच साल में मिलने वाले फ्री राशन पर कितना होगा सरकार का खर्च, जानें

PMGKAY: शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मुफ्त राशन योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने की महत्वपूर्ण घोषणा की। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, "मैंने फैसला किया है कि भाजपा सरकार अब अगले पांच साल तक देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना को बढ़ाएगी।"

 

PMGKAY: शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मुफ्त राशन योजना को पांच साल के लिए बढ़ाने की महत्वपूर्ण घोषणा की। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, "मैंने फैसला किया है कि भाजपा सरकार अब अगले पांच साल तक देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना को बढ़ाएगी।"

Latest News: Delhi Ring Road: दिल्ली को जल्द मिलेगी तीसरे रिंग रोड की सौगात, निर्माण में हुआ दस लाख मीट्रिक टन कचरे का इस्तेमाल

इस योजना को देश के 80 करोड़ जरूरतमंद लोगों को भोजन की गारंटी देने के लिए सरकारी धन की आवश्यकता भी बहुत अधिक है। इस वर्ष के बजट भाषण में लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, देखिए। आइए समझते हैं कि यह योजना अगले पांच वर्षों में सरकारी बजट पर कितना अधिक बोझ डालेगी और अब तक इस पर कितना खर्च हुआ है?

बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 दिसंबर 2023 तक केंद्रीय मुफ्त राशन योजना को एक वर्ष के लिए बढ़ाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने अब इसे पांच वर्षों के लिए बढ़ाने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने 30 जून को यह योजना शुरू की थी, और जरूरतमंदों को राहत देने के लिए इसकी अवधि को कई बार बढ़ाया गया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि यह योजना दिसंबर 2028 तक चलेगी।

भारत भी 2020 में कोरोना वायरस के विश्वव्यापी प्रकोप के दौरान लॉकडाउन सहित कई कड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहा था। इससे लोगों को आजीविका का बड़ा संकट हुआ और गरीब भूखे मरने लगे। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया और मुफ्त राशन कार्यक्रम शुरू किया। योजना की शुरुआत से ही देश में 800 मिलियन लोगों को मुफ्त भोजन मिल रहा है। लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत पांच किलो अनाज बिल्कुल मुफ्त मिलता है। बीपीएल कार्ड धारकों को इस योजना के तहत हर महीने चार किलो गेहूं और एक किलो चावल मुफ्त मिलता है।

बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में मुफ्त राशन योजना पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस योजना को 2028 तक बढ़ाने पर सरकारी खजाने पर 10 लाख करोड़ रुपये का बोझ बढ़ने वाला है, जैसा कि बजट अनुमान बताता है। भारत सरकार का खाद्य सुरक्षा पर खर्च कई छोटे देशों के सालाना बजट से अधिक है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान मुफ्त राशन योजना का बजट लगभग 5 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, लेकिन तब से साल दर साल इसमें कटौती की जा रही है।

वित्तीय वर्ष 2020–2021 के लिए निःशुल्क राशन योजना का बजट 5,41,330 करोड़ रुपये था; वित्तीय वर्ष 2022–2022 के लिए 2,88,969 करोड़ रुपये; वित्तीय वर्ष 2023–2024 के लिए 2,87,194 करोड़ रुपये; और वित्तीय वर्ष 2020–2024 के लिए 1,97,350 करोड़ रुपये. अर्थव्यवस्था चुनौती से उबरी, फिर भी राहत जारी है।
मोदी सरकार की सबसे सफल योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) है, क्योंकि यह देश में भुखमरी को रोकने में सफल नहीं रहा है कोरोना महामारी की तीन लहरों के दौरान। ऐसी परिस्थितियों की सूचना। सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों को राहत देना जारी रखा है, और अब जब देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस से पूरी तरह से उबर चुकी है, सरकार ने गरीबों को राहत देना जारी रखा है।