Haryana Sarkar ने दी kisano को खुशखबरी! किसानो के खातों में आएगे 15 हजार रुपए, जानिए पूरी खबर 

पंजाब मंत्रिमंडल ने हाल ही में हुई भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं के कारण हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए फसल के 76 से 100 प्रतिशत तक हुए नुकसान के लिए मुआवजा राशि 12 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपए प्रति एकड़ करने का फैसला लिया है. पढ़े पूरी खबर...
 

पंजाब सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. पिछले कुछ समय से हो रही बेमौसम बारिश और ओले पड़ने से खराब हो रही फसल को लेकर सरकार ने मुआवजा राशि बढ़ा दी है. भगवंत मान सरकार ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की मुआवजा राशि को 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है.

पंजाब मंत्रिमंडल ने हाल ही में हुई भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज़ हवाओं के कारण हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए फसल के 76 से 100 प्रतिशत तक हुए नुकसान के लिए मुआवजा राशि 12 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपए प्रति एकड़ करने का फैसला लिया है. यह कदम प्रभावित किसानों को बड़ी राहत देगा क्योंकि वह सरकार से उचित वित्तीय राहत लेने के योग्य होंगे. यह राहत राशि पहली मार्च, 2023 से लागू मानी जाएगी.

सरकार ने ये भी लिए अहम फैसले
इसके साथ ही पंजाब में रजिस्ट्री पर लगने वाली स्टैंप ड्यूटी पर फीस में 2.25 प्रतिशत छूट की समय-सीमा 30 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है. इस दौरान रजिस्ट्री करवाने वालों को अब एडिशनल स्टैंप ड्यूटी से एक प्रतिशत, पीआईडीबी फीस से एक प्रतिशत और विशेष फीस से 0.25 प्रतिशत छूट होगी.

कृषि विभाग में 2574 किसान मित्र और 108 फील्ड सुपरवाइजर की सेवाएं अस्थायी तौर पर लेने की सहमति दी है.

कैबिनेट ने कृषि विभाग में 2574 किसान मित्रों और 108 फील्ड सुपरवाईजरों की सेवाएं अस्थायी तौर पर लेने की भी मंजूरी दे दी. यह किसान मित्र और फील्ड सुपरवाइजर किसानों को गेहूं और धान के फसलीय चक्र में से निकलकर कम पानी लेने वाली कपास और बासमती जैसी फसलों की कृषि के लिए प्रेरित करेंगे.

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इस कदम से जहां एक ओर फसलीय विविधता को बढ़ावा देकर भूजल बचाने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर युवाओं के लिए रोजगार का अवसर मुहैया होगा.

बाल मजदूरी को खत्‍म करने के लिए दी मंजूरी 
पंजाब बाल मजदूरी (रोकथाम और रेगुलेशन) संशोधन नियम-2023 के गठन को मंजूरी बाल और किशोर मजदूरी की कुप्रथा को खत्म करने के लिए मंत्री मंडल ने बाल मजदूरी (रोकथाम और रेगुलेशन) संशोधन एक्ट-2016 के द्वारा बाल मज़दूरी (रोकथाम और रेगुलेशन) एक्ट-1986 में संशोधन से बाल मजदूरी (रोकथाम और रैगूलेशन) नियम-2023 के गठन को मंजूरी दे दी है.

रक्षा सेवा कल्याण, रोजग़ार सृजन और जल संसाधन विभागों के नए सेवा नियमों को मंजूरी एक अन्य अहम फैसले में मंत्री मंडल ने रक्षा सेवा कल्याण विभाग के पुनर्गठन के बाद ग्रुप-ए सेवा नियम तैयार करने की मंजूरी दे दी है.

यह नियम नोटिफिकेशन के अमल में आने के बाद लागू होंगे. इसी तरह मंत्री मंडल ने रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण विभाग के ग्रुप-ए, बी और सी के लिए विभागीय नियमों को मंजूरी दे दी है. मंत्री मंडल ने जल संसाधन विभाग के अलग-अलग पदों के सेवा नियमों को मंजूरी दे दी है. विभाग में मुख्य कार्यालय और क्षेत्रीय कार्यालयों में यह नियम ग्रुप-ए, बी और सी सेवाओं के इंजनियरिंग, वैज्ञानिकों, तकनीकी, मिनिस्टरियल के साथ-साथ नॉन-टैक्निकल स्टाफ से सम्बन्धित हैं.

जेलों में बंद कैदियों की अग्रिम रिहाई के लिए केस भेजने के लिए हरी झंडी
मंत्री मंडल ने राज्य की जेलों में उम्र कैद भुगत रहे आठ कैदियों की अग्रिम रिहाई के लिए केस भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है. भारत सरकार की धारा 163 के अंतर्गत मंत्री मंडल की मंजूरी के बाद यह विशेष माफी या अग्रिम रिहाई के मामले भारतीय संविधान की धारा 161 के अधीन राज्यपाल को भेजे जाएंगे.

मंत्री मंडल ने भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाए जा रहे ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के दूसरे पड़ाव में जेलों में बंद कैदियों की विशेष माफी के केस भेजने की मंजूरी दे दी है.

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पंजाब कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट-2023 के गठन को मंजूरी
मंत्री मंडल ने राज्य में नहरों और सेम नालों के नियंत्रण और प्रबंधन के लिए पंजाब कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट-2023 को मंजूरी दे दी है. इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य किसानों और ज़मीन मालिकों के लिए सिंचाई के मंतव्य के लिए, रख-रखाव, मरम्मत और नहरों, ड्रेनेज और प्राकृतिक जल मार्गों की समय पर सफाई के लिए नहरी पानी को बिना किसी रुकावट के सुनिश्चित बनाना है.

इसके अलावा पानी का प्रयोग करने वालों और पानी की अनावश्यक बर्बादी के विरुद्ध ओर नियमित पाबंदियों की शिकायतों के निपटारे के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी विधि तैयार करना है.

मौजूदा समय में राज्य में सिंचाई, नेविगेशन और सेम नालों से सम्बन्धित गतिविधियों को नॉर्थ इंडिया कैनाल एंड ड्रेनेज एक्ट-1873 के अंतर्गत नियंत्रित किया जाता है, जिसको ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भारत सरकार द्वारा लागू किया गया था.

समय के बीतने और राज्य के पुनर्गठन के साथ उक्त एक्ट में शामिल उपबंधों की संख्या खत्म हो गई है. पंजाब ने उपरोक्त गतिविधियों के प्रबंधन और नियंत्रण के लिए कोई अलग कानून नहीं बनाया था.