Naag panchami: नाग पंचमी पर लड़के पीटते हैं गुड़िया क्यों ? shocking story

Naag Panchami: नाग पंचमी का पर्व आज मनाया जा रहा है। यह पर्व श्रावण माह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है और इस बार यह त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि इस दिन महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं और लोग इस दिन घरों की दीवारों पर नागों की आकृति बनाकर उनकी पूजा करते हैं और घर में सुख-शांति के लिए उनकी प्रार्थना करते हैं।
 

Haryana Update: नागपंचमी पूरे देश में मनाई जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश में इस त्योहार को कुछ अलग तरीके से मनाया जाता है।  naag panchami के दिन उत्तर प्रदेश में गुड़िया को पीटा जाता है। अब हम आपको बताते हैं इस परम्परा के बारे मे।

 

 

भोलेनाथ का परम भक्त

क्या है इसके पीछे की कहानी- एक लड़की का भाई भोलेनाथ का परम भक्त था। वह प्रतिदिन मंदिर जाता था। हर रोज उसे वहां पर नाग देवता के दर्शन होते थे। मंदिर में जाते ही नाग हमेशा की तरह लड़के के पैरों से लिपट गया। ये नजारा देखकर बहन डर गई। उसे लगा कि नाग उसके भाई को काट रहा है। बहन ने भाई की जान बचाने के लिए उस नाग को पीट-पीटकर मार डाला।

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इसके बाद जब भाई ने अपनी और नाग की पूरी कहानी बताई तो बहन रोने लगी। वहां उपस्थित लोगों ने कहा कि 'नाग' देवता का रूप होते हैं। तुमने उसे मार दिया इसीलिए तुम्हें सजा तो मिलनी ही चाहिए। यह गलती लड़की से अनजाने में हुई है इसलिए आज से इस दिन लड़की की जगह गुड़िया को पीटा जाएगा। तभी से नागपंचमी की इस परंपरा के दौरान गुड़िया को पीटा जाता है।


 

इस परंपरा से जुड़ी एक और कथा है- तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। समय बीतने पर तक्षक की चौथी पीढ़ी की कन्या राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी में ब्याह गई। उस कन्या ने ससुराल में एक महिला को यह रहस्य बताकर उसे इस बारे में किसी को भी बताने के लिए मना कर दिया, लेकिन धीरे धीरे यह खबर पूरे नगर में फैल गई। तक्षक के तत्कालीन राजा ने इस रहस्य को उजागर करने पर नगर की सभी लड़कियों को चौराहे पर इकट्ठा करके कोड़ों से पिटवा कर मरवा दिया। वह राजा इस बात से क्रोधित हो गया था कि औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती है।

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