Chanakya Niti: सुख और शांति पाना चाहते है तो इन चीज़ों को आज ही त्याग दे, वरना आपके जीवन की रुक जाएगी घड़ी

Haryana Update: उन्हें हमेशा कोई न कोई भय और परेशानी घेरे रहती है। चाणक्य ने अपनी नीति में बताया कि, जीवन में शांति और खुशी लाने के लिए मनुष्य को इन 4 कार्य से दूर रहना चाहिए-
क्रोध न करें
चाणक्य कहते हैं क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। क्रोध मनुष्य को धीरे-धीरे खा जाता है। क्रोध कभी सम्मान नहीं पाता। जब कोई बहुत क्रोधित होता है, तो वह अंततः अकेला हो जाता है।
दिखावा कभी न करें
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति दिखावा करता है उसके जीवन में कभी शांति नहीं रहती हैं। ऐसे लोग हमेशा दूसरों से प्रतिस्पर्धा करते हैं, जिसका कोई अंत नहीं है और कोई महत्व नहीं है। जो बाद में उसके लिए मुसीबत पैदा करता है। इसलिए दिखावा से बचना चाहिए।
आलस न करें
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में आलस से दूर रहने का संदेश दिया है। क्योंकि आलस व्यक्ति की प्रतिभा को नष्ट कर देता है। इसलिए आलस को कभी पास न आने दें, इससे दूर रहने में ही सबकी भलाई है।
अहंकार न करें
चाणक्य के अनुसार मनुष्य को को अहंकार से बचना चाहिए। अहंकार व्यक्ति का सबकुछ छीन लेता है,लक्ष्य, रुपया-पैसा, रिश्ता आदि।इतना ही नहीं, अहंकार सच्चाई से दूर करता है। हंकार करने वाले लोगों को खुद को सर्वश्रेष्ठ मानने की आदत होती है। यही कारण है कि लोगों को उनसे दूर जाना पड़ता है और उन्हें अपनी परेशानी उठानी पड़ती है।
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