Chanakya Niti: कभी ना करें ये काम, नही तो नरक में भी नही मिलेगी जगह

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को ज्ञान का भंडार के रुप में जाना जाता है क्योंकि उन्हें सभई वेदों व पुराणों का ज्ञान था। चाणक्य के मुताहित प्रत्येक व्यक्ति का जन्म किसी न किसी लक्ष्य के साथ हुआ है। चाणक्य नीति में श्लोक के जरिए बताया गया है कि कभी भी किसी गलत काम का साक्षी नही बनना चाहिए अन्यथा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
 

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को ज्ञान का भंडार के रुप में जाना जाता है क्योंकि उन्हें सभई वेदों व पुराणों का ज्ञान था। चाणक्य के मुताहित प्रत्येक व्यक्ति का जन्म किसी न किसी लक्ष्य के साथ हुआ है। चाणक्य नीति में श्लोक के जरिए बताया गया है कि कभी भी किसी गलत काम का साक्षी नही बनना चाहिए अन्यथा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त यह भी बताया गया है, जो लोग गलत लोगों के साथी होते हैं, उन्हें हमेशा परेशानी उठानी पड़ती है।

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गलत कार्य के साक्षी न बनें
न स्यात कूटसाक्षी।
कहने का भाव है कि किसी भी दुष्कर्म या कपट में मनुष्य को कभी साक्षी नहीं बनना चाहिए नही तो नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे समय पर चुप रहना ही बेहतर होता है। यदि कोई इंसान धन के लालच में आकर किसा गलत इंसान का साथ देता है तो वह कभी खुश नही रह पाता। इसके अतिरिक्त यदि आप गलत काम के गवाह बनते हैं तो आपको भी उतना ही पाप लगता है, जितना की गलत काम करने वाले को लगता है।

झूठी गवाही देने वाले को नरक में मिलती है जगह
कूटसाक्षिणो नरके पतन्ति।

कहने का भाव है कि चाणक्य नीति के मुताबिक जो लोग झूठी गवाही के जरिए अपराध करने वाले को बचाते हैं वे सीधे नरक में प्रस्थान करते हैं। बचाने वाला भी उतना ही दोषी होता है जितना की। जो व्यक्ति अपराधी का साथ देता हैं,  भगवान उनका कभी साथ नही देते। झूठी गवाही देने वाले की जगह सदैव नरक में होती है, ऐसे दुष्ट इंसान के लिए स्वर्ग में कोई स्थान नहीं होता।