RAGI: अगर आप नहीं होना चाहते कैंसर का शिकार, आज से ही करे इसका इस्तेमाल 

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित एक साइंटिफिक पेपर में कहा गया है कि 5 से 10 प्रतिशत कैंसर के लिए ही जीन जिम्मेदार होते हैं, बाकी के लिए हमारा लाइफस्टाइल और कुछ के लिए पर्यावरण जिम्मेदार है. यानी अगर हम अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में सुधार कर लें तो बहुत हद तक कैंसर के जोखिम से बच सकते हैं.
 

कैंसर आज भी इंसान के लिए सबसे घातक बीमारी है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक हर साल करीब एक करोड़ लोगों की मौत कैंसर के कारण हो जाती है. भारत में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं.

इंडिया अगेंस्ट कैंसर के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 27 लाख लोग कैंसर का इलाज करा रहे हैं. 2020 में कैंसर से संबंधित करीब 8.5 लाख लोगों की मौत हुई थी. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसीन में प्रकाशित एक साइंटिफिक पेपर में कहा गया है कि 5 से 10 प्रतिशत कैंसर के लिए ही जीन जिम्मेदार होते हैं, बाकी के लिए हमारा लाइफस्टाइल और कुछ के लिए पर्यावरण जिम्मेदार है. यानी अगर हम अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में सुधार कर लें तो बहुत हद तक कैंसर के जोखिम से बच सकते हैं.

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आज पूरी दुनिया में डाइट में सुधार करने पर जोर दिया जा रहा है. जिस मोटे अनाज को पहले गरीबों का खाना बताया जा रहा था, उसे अब सुपरफूड को रूप में चिन्हित कर दिया गया है. अमेरिकी नेशनली सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन यानी एनसीबीआई के रिसर्च पेपर के मुताबिक रागी कैंसर जैसी बीमारी के जोखिम को कम कर देता है.

हार्ट डिजीज और डायबिटीज में भी कारगर

रिसर्च पेपर के मुताबिक पिछले कुछ सालों से रागी को लेकर कई अध्ययन किए गए हैं. इन अध्ययनों में रागी में मौजूद बेमिसाल गुणों के बारे में पता चला है. रिसर्च में पाया गया है कि रागी में पोलीफिनॉल फोटोकेमिकल और डाइट्री फाइबर की भरमार है. कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स इसकी गुणवत्ता को और खास बना देते हैं. अब नए अध्ययनों में रागी के अन्य गुणों के बारे में भी पड़ताल की जा रही है. अध्ययन के मुताबिक रागी गोल-गोल छोटे-छोटे दानेदार के रूप में डाइट्री फाइबर से लबालब भरा हुआ सुपरफूड है. रागी में 0.38 प्रतिशत कैल्शियम, 18 प्रतिशत डाइट्री फाइबर और 3 प्रतिशत फेनोलिक कंपाउंड पाया जाता है जिसके कारण यह एंटी-डायबेटिक, एंटी-ट्यूमरजेनिक, एंटी-माइक्रोबियल है. इसके अलावा यह धमनियों में चिपके कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने वाला भी होता है.

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पेट के कैंसर से बचाती है रागी

एनसीबीआई की रिसर्च के मुताबिक रागी एक साबुत अनाज है. भारत में इसे रोटी बनाकर खाई जाती है. लेकिन आजकल रागी से कुकीज भी बनाए जाने लगे हैं. रागी पर एपीडेमायोलॉजिकल स्टडी में पाया गया है कि अगर कोई व्यक्ति रागी का नियमित सेवन करता है तो उसमें कुदरती तौर पर हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज और पेट के कैंसर से लड़ने की क्षमता अपने आप विकसित हो जाएगी. अध्ययन में कहा गया कि रागी में न केवल पोलीफेनोलिक एसिड जैसे कैंसररोधी तत्व पाया जाता है बल्कि दाने के अंदर कई तरह के विटामिंस और मिनिरल्स भी मौजूद होते हैं जो शरीर को कई अन्य फायदे भी दिलाते हैं. अध्ययन में कहा गया है कि पोलीफेनॉल बॉडी के फंक्शन को तेज कर देता है और यह उम्र को भी बढ़ा देता है. हालांकि उम्र संबंधी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है.