ये पहाड़ी फल सेहत को बना देगा एक दम फुर्तीला! जानिए कैसे है आपके लिए ये वरदान
Haryana Update Lifestyle Desk: पूरे भारत में गर्मी भले ही आम का मौसम हो, लेकिन पहाड़ी लोगों के लिए गर्मी काफल का मौसम है. काफल एक स्थानीय फल है, जिसका हल्का मीठा-तीखा अद्भुत स्वाद कमाल है. न सिर्फ इतना बल्कि इसका सेवन आपको पेट के रोगों से भी दूर रखता है. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर काफल, अधिकतर बीमारियों में कारगर है और पहाड़ी लोगों की स्वस्थ जीवनशैली की असल वजह भी है, लेकिन क्या आपने इस फल के बारे में पहले कभी सुना है. अगर नहीं, तो चलिए आज हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के बीच उगने वाले इस रसीले फल के बारे में जानते हैं.
देवदार व बांज के पेड़ों के बीच उगने वाले इस फल का स्वाद लेने के सबके अपने-अपने तरीके हैं, मगर स्थानीय लोग खासतौर पर इस खट्टे-मीठे फल को नमक या सेंधा नमक और मिर्च पाउडर के साथ खाना पसंद करते हैं. बता दें कि देश के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का यह राजकीय फल है. कई बार उत्तराखंड के लोकगीतों में भी इसका जिक्र किया जाता है. वहीं कापल का उपयोग सीधे खाने के अलावा सिरप, जैम, अचार और ताजा कोल्ड ड्रिंक्स बनाने के लिए भी किया जाता है.
काफल दिखने में तो छोटे जामुन जैसा होता है, मगर इसका खट्टा-मीठा और रसीला स्वाद किसी का भी मनमोह लेता है. हालांकि काफल को उगाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि ये कम तापमान में नहीं उगता और तापमान ज्यादा होने पर ये जीवित नहीं रहता, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र जैसे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ही काफल पाएं जाते हैं. खासतौर पर नैनीताल, अल्मोड़ा और रानीखेत में काफल को उगाने के लिए उपयुक्त जलवायु परिस्थितियां मौजूद होती हैं.
साल के फरवरी माह में ही काफल के पेड़ पर फूल आना शुरू हो जाते हैं और अप्रैल तक काफल पक जाता है, शुरू में इसका रंग हरा होता है और अप्रैल माह के आखिर में यह फल पककर तैयार हो जाता है, तब इसका रंग सुर्ख लाल हो जाता है. ये फल ज्यादा नहीं टिक पाता, और क्योंकि पहाड़ी क्षेत्र में यह कम और सीमित अवधि में ही उगता है, इसलिए स्थानीय बाजार या मंडी तक ही इसकी बिक्री सीमित रहती है.
बता दें कि काफल फल का भी अपना एक अलग इतिहास रहा है, फूड हिस्टोरियन काफल की उत्पत्ति हिमालय क्षेत्र में मानते हैं. उनके मुताबिक काफल एक तरह का जंगली फल है और हिमालय के इलाकों में यह हजारों साल से मौजूद है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा ये फल हिमालय श्रृंखला के आसपास के इलाकों में जैसे अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम आदि में भी पाया जाता है. अलग-अलग इलाकों में इसके अलग नाम हैं और स्वाद व गुणों में भी कुछ न कुछ फर्क भी है. दावा ये भी किया जाता है कि काफल की अन्य प्रजातियां भारत के अलावा नेपाल, चीन, वियतनाम, श्रीलंका, सिलहट (बांग्लादेश), पाकिस्तान और जापान में भी पाई जाती है.