Repo Rate: बढ़ रही आपकी EMI, भारत ही नहीं पूरी दुनिया के केंद्रीय बैंक बढ़ा रहे ब्याज दर
Haryana Update. पिछले पांच महीनों में चौथी बार रेपो रेट (Repo Rate) में इजाफा किया जा चुका है. इससे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन (How We can apply for home loan) या फिर अन्य किसी प्रकार का लेने वाले लोगों की ईएमआई (EMI intrest rate) में इजाफा हो गया है, क्योंकि आरबीआई (RBI) के एलान के बाद कई बैंक और एनबीएफसी कंपनियां ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुकी हैं.
पिछले पांच महीनों में चार बार महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआइ की ओर से रेपो रेट को 1.90 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है.
इसके कारण रेपो रेट तीन साल के उच्चतम स्तर 5.90 प्रतिशत पर पहुंच गया है. RBI ने पहली बार मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में हर बार 0.50 प्रतिशत का इजाफा किया था.
महंगाई 7 प्रतिशत पर
वैश्विक स्थिरता के कारण देश में महंगाई अभी भी उच्चतम स्तर पर बनी हुई है. आरबीआइ की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के बाद भी महंगाई केंद्रीय बैंक के ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2-6 प्रतिशत के उच्चतम स्तर से एक प्रतिशत अधिक है. बात दें, अगस्त में खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत थी.
वहीं, जानकारों का कहना है कि अगर आने वाले महीनों में महंगाई काबू में नहीं आती है, तो फिर आरबीआइ दिसंबर में होने वाली अगली मौद्रिक नीति में 0.35 प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है.
ब्याज दर बढ़ने का असर
ब्याज दर बढ़ने के कारण किसी भी व्यक्ति के लिए लोन लेना महंगा हो जाता है और वर्तमान में चल रहे आपके कार लोन, होम लोन या फिर पर्सनल लोन की ईएमआई में इजाफा हो सकता है. ऐसे में आपके पास पहले के मुकाबले कम पैसा बचेगा और आप कम खर्च कर पाएंगे.
क्यों बढ़ रही हैं ब्याज दरें?
भारत ही नहीं दुनियाभर में इस समय ब्याज दरों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. इसके पीछे की प्रमुख वजह रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध, आपूर्ति श्रंखला का प्रभावित होना और वैश्विक अस्थिरता है.
भारत के अलावा इस साल से अब तक ब्राजील ब्याज दर में 4.50 प्रतिशत, यूएस 3.00 प्रतिशत, कनाडा 3.00 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में 2.25 प्रतिशत, स्वीडन 1.75 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया 1.50 प्रतिशत और यूके 1.50 प्रतिशत का इजाफा कर चुके हैं.