भगवंत मान के मास्टर स्ट्रोक से मुश्किल मे फंसे सीएम खट्टर, "हाथ मे हैं कैंची पर चला नहीं सकते"

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HaryanaUpdate. मुख्यमंत्री भगवंत मान(Cm Bhagwant Maan) की घोषणा के बाद कई दूसरे राज्यों में भी इसे लेकर चर्चा होने लगी है। सोशल मीडिया पर लोगों ने मान के फैसले की तारीफ की है। चूंकि, हरियाणा, पंजाब से लगता हुआ राज्य है, इसलिए यहां पर उस फैसले की ज्यादा चर्चा सुनाई पड़ रही है। 2024 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी(AAP) ने हरियाणा में लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया है।।।

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह घोषणा कर मास्टर स्ट्रोक लगा दिया कि अब राज्य में पूर्व विधायकों को सिर्फ एक बार एमएलए बनने की पेंशन मिलेगी। पूर्व विधायकों को मिलने वाले कई दूसरे भत्तों में भी कटौती करने की बात कही गई है। यह खबर सोशल मीडिया में खूब वायरल हुई। पड़ोसी राज्य, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल(Cm Manohar Lal), मान के इस स्ट्रोक से मुश्किल में पड़ गए हैं। उनके हाथ में कैंची तो है, मगर वे अपनी मर्जी से उसे चला नहीं सकते। इसके लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बात करनी होगी। वहां से मंजूरी मिले बिना, मनोहर लाल(Cm Manohar Lal) इस दिशा में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकते। प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इस मामले में अभी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व तैयार नहीं है।

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चार-पांच लाख रुपये से ज्यादा है मासिक पेंशन

मुख्यमंत्री भगवंत मान की घोषणा के बाद कई दूसरे राज्यों में भी इसे लेकर चर्चा होने लगी है। सोशल मीडिया पर लोगों ने मान के फैसले की तारीफ की है। चूंकि, हरियाणा, पंजाब से लगता हुआ राज्य है, इसलिए यहां पर उस फैसले की ज्यादा चर्चा सुनाई पड़ रही है। 2024 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया है। पूर्व विधायकों सहित खेलों से जुड़े लोग भी 'आप' में शामिल हो रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में विशेषज्ञ रहे लोगों से भी संपर्क किया जा रहा है। सीएम भगवंत मान का कहना था, कुछ विधायक तो ऐसे हैं जो कई बार विधायक बनने के बाद चुनाव हार गए हैं। उन्हें भी पेंशन मिल रही है। कई विधायक तो ऐसे हैं, जिनकी मासिक पेंशन चार-पांच लाख रुपये से ज्यादा है। अब उन्हें एक ही टर्म की पेंशन मिलेगी। अगर कोई नेता विधायक और सांसद की पेंशन एक साथ ले रहा है, तो उसे केवल एक ही पेंशन का लाभ दिया जाएगा।

अपने दम पर फैसला नहीं ले सकते मुख्यमंत्री 

2019 में विधानसभा चुनाव हार चुके भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पूर्व विधायकों की पेंशन कटौती जैसे फैसले की लोगों के बीच चर्चा हो रही है। लोगों ने उसे सराहनीय फैसला बताया है। हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा कह चुके हैं कि प्रदेश में आगामी सरकार कांग्रेस की बनती है, तो सरकारी कर्मियों की पुरानी पेंशन दोबारा शुरू की जाएगी। यह बात सरकारी कर्मियों पर असर कर रही है। सीएम मनोहर लाल इस मामले में घिरते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। वे अपने दम पर फैसला नहीं ले सकते। वजह, भाजपा को कोई दो-तीन राज्यों के लिए यह फैसला नहीं लेना है, बल्कि जहां भी उसकी सरकार है, वहां पर उसे इस बारे में सोचना होगा। उक्त भाजपा नेता का कहना है कि केंद्र सरकार तो अभी तक पुरानी पेंशन पर भी आश्वासन देने को तैयार नहीं है। पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर भी सरकार में कोई सोच-विचार नहीं हो रहा। प्रदेश में अभी यह फैसला लागू होने की उम्मीद कम है। प्रदेश में दबंग आईएएस कहे जाने वाले अशोक खेमका ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के पूर्व विधायकों की पेंशन में कटौती के फैसले की तारीफ कर दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, क्या दूसरे प्रदेशों के विधानमंडल और संसद भी इसका अनुसरण करेंगे। अशोक खेमका के बारे में ऐसी चर्चाएं हैं कि 2024 के विधानसभा चुनाव में 'आप' उन्हें आगे ला सकती है। हालांकि वे 30 अप्रैल 2025 में रिटायर होंगे।