Nitin Gadkari: कांग्रेस जॉइन करने को लेकर केंद्रीय मंत्री ने दिया ऐसा जवाब...
Haryana Update: Nitin Gadkari on Congress: बीजेपी संसदीय बोर्ड (BJP Parliamentary Board) से हटाए जाने के बाद से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लगातार एक के बाद एक बयान दे रहे हैं। बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके गडकरी ने रविवार को कहा कि मैं कुएं में जान दे दूंगा जाऊंगा लेकिन कांग्रेस कभी जॉइन नहीं करूंगा (I will die in the well but will never join Congress)। बीजेपी संसदीय बोर्ड से हटाए जाने पर गडकरी ने कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन उन्होंने संकेत दे दिए हैं कि वह बीजेपी के साथ रहेंगे और उनका कांग्रेस या कोई और पार्टी जॉइन करने का कोई इरादा नहीं है।
सुनाया पुराना किस्सा-old story told
अपने गृहनगर नागपुर में एक कॉरपोरेट इवेंट में गडकरी ने कई किस्से सुनाए। एक किस्सा बताते हुए गडकरी ने कहा, "मैं जब स्टूडेंट लीडर था तो नागपुर में काम कर रहा था। मेरे दिवंगत दोस्त श्रीकांत जिचकर (Shrikant Jichkar) ने मुझे कांग्रेस जॉइन करने को कहा था। उन्होंने कहा कि नितिन तुम अच्छे इंसान हो, तुम्हारा राजनीतिक भविष्य बहुत अच्छा है। लेकिन तुम गलत पार्टी में हो। मैंने उससे कहा था कि मैं कुएं में जान दे दूंगा लेकिन कांग्रेस में नहीं आऊंगा क्योंकि मुझे उसकी विचारधारा पसंद नहीं है। जिचकर ने कहा कि तुम्हारी पार्टी का कोई फ्यूचर नहीं है। मैंने कहा, नहीं है तो नहीं है।'' बता दें कि साल 1980 में जिचकर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे और साल 2004 में 49 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था।
related news
'यूज एंड थ्रो वाला काम नहीं करना चाहिए'-'Use and throw should not be done'
आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'अगर आपको कामयाबी मिलती है और उसकी खुशी सिर्फ आपको अकेले को होती है तो उसका कोई मतलब नहीं।अगर आपकी खुशी से आपके बड़े या छोटों या साथ काम करने वालों को खुशी मिलती है तो वो कामयाबी का असली मतलब है। राजनीति, बिजनेस और सोशल वर्क के लिए मानवीय रिश्तों को बढ़ावा देना चाहिए। इसलिए कभी भी यूज एंड थ्रो वाला काम नहीं करना चाहिए। अच्छे दिन हो बुरे दिन हो, जिसका हाथ पकड़ा है तो उसे पकड़ कर रखो। परिस्थिति के हिसाब से मत बदलिए। उगते सूरज की ही पूजा मत करते रहिए।'
related news
'क्वॉलिटी पर किसी का पेटेंट नहीं'-'Nobody has a patent on quality'
आगे उन्होंने कहा, 'मेरे एक दोस्त आईआईटी (IIT) में गया था, तो हम चुनाव हारते ही थे तो उसने मुझे रिचर्ड निकसन की जीवनी दी। उसमें एक वाकय लिखा था- इंसान युद्धभूमि तब खत्म नहीं होता जब वो हारता है। वो तब खत्म होता है, जब वो युद्धभूमि छोड़कर भाग जाता है तो लड़ना चाहिए और लड़ने के लिए पॉजिटिविटी चाहिए। अहंकार और सेल्फ कॉन्फिडेंस दो शब्दों में अंतर है। आत्मविश्वास होना चाहिए, पॉजिटिविटी होनी चाहिए लेकिन अहंकार और अभिनिवेश नहीं होना चाहिए। सबसे परफेक्ट कुछ नहीं है और कोई यह दावा भी नहीं कर सकता कि वह परफेक्ट है। छोटे छोटे लोगों से बहुत सी बातें सीखने को मिलती हैं। मैं ये मानता हूं कि अच्छाई पर, क्वॉलिटी पर किसी का पेटेंट नहीं है। बहुत सी नई-नई बातें हम अपने दोस्तों से सीख सकते हैं और उसको अगर हम अपने आचरण में उतार लें तो यह अच्छी प्रक्रिया है, जिससे हम अपने को सुधार सकते हैं।'