Nag Panchami 2022, Prayagraj Nagvasuki Temple: प्रयागराज के इस मंदिर में मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति

Nag Panchami 2022 Date: 2 अगस्त को नागपंचमी (nag panchami 2022) है. हिंदू धर्म में इसका काफी मान्यता है। इस अवसर पर प्रयागराज में दारागंज के नागवासुकि मंदिर (Prayagraj Nagvasuki Temple) की महिमा विशेष रूप से बढ़ जाती है. सावन माह नागपंचमी पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है.

 

Haryana Update: ऐसा माना जाता है कि इस दौरान मंदिर में विग्रह के दर्शन मात्र से पाप का नाश होता है. वहीं, कालसर्प के दोष (kashi vishwanath) से भी मुक्ति मिलती है. ये दुनिया का अनोखा मंदिर है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में विग्रह के दर्शन मात्र से पाप का नाश होता है. साथ ही कालसर्प दोष (world unique Nagvasuki temple) से भी मुक्ति मिलती है.

 

 

दूर-दूर से भक्तों का लगता है जमघट (Most Popular Snake Tample in India) -

वैसे तो वर्ष भर मंदिर में भक्त कम ही संख्या में पहुंचते हैं, लेकिन सावन नागपंचमी में भक्तों का मंदिर में सैलाब पहुंचता है. देश के दूर-दराज क्षेत्रों से भक्त मंदिर में पहुंचकर पूजा -अर्चना करते है. यही वजह है कि नागपंचमी पर्व पर यहां मेला जैसा लगता है. भक्त मंदिर में पहुंच कर दर्शनलाभ लेने के साथ ही (snake temple in prayagraj) पूजा-अर्चना करते हैं.

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नाग देवता केंद्र में प्रतिष्ठित -

अपने अनूठे वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध नागवासुकि मंदिर (Nagvasuki Tample Pryagraj), विश्व का इकलौता मंदिर है, जिसमें नागवासुकि की आदमकद की प्रतिमा है. मंदिर के पूर्व-द्वार की देहली पर शंख बजाते हुए दो कीचक बने हैं, जिनके बीच में लक्ष्मी के प्रतीक कमल दो हाथियों के साथ बने हैं. इसकी कलात्मकता सबसे अधिक आकर्षित करती है. नागवासुकि का विग्रह भी आकार-प्रकार में कम सुंदर नहीं है. देश में ऐसे मंदिर अपवाद रूप में ही मिलेंगे, जिसमें नाग देवता को ही केंद्र में प्रतिष्ठित किया गया हो. इस दृष्टि से नागवासुकि मंदिर असाधारण महत्ता रखता है.

 

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नासिक के मंदिर से जुड़ी है परंपरा -

बताया जाता है कि प्रसिद्ध नागवासुकि मंदिर की परंपरा महाराष्ट्र के नासिक की गोदावरी तट पर स्थित पैष्ण तीर्थ से जुड़ती है. ज्ञात हो कि असम के गुवाहाटी में नवग्रह-मंदिर ब्रह्मपुत्र के उत्तर तट पर स्थित है. वैसे ही प्रयागराज में नागवासुकि मंदिर भी गंगा के तट पर स्थित है.

 

 

कालसर्प दोष का होता है शमन (KalSarpdosh)-

ऐसी धारणा है कि प्रयागराज के नागवासुकि मंदिर (Nagvasuki temple) में विशेष पूजा करने से कालसर्प दोष का शमन हो जाता है. इससे लोगों के जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. देश में कालसर्प दोष निवारण की विशेष पूजा त्र्यबंकेश्वर, उज्जैन, हरिद्वार वाराणसी में भी होती है, लेकिन वहां पर नागवासुकि मंदिर नहीं है, इसलिए दोष निवारण के लिए प्रयागराज की विशेष (Nagraj Vasuki Temple) ख्याति है.

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