Somar Vart Udyapan: कैसे करें सोमवार व्रत का उद्यापन?

INTERNET DESK: अपने घर परिवार की खुशियों के लिए और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए सोलह सोमवार या फिर अपनी मनोकामना पूरी होने तक सोमवार का व्रत करते हैं.
 

HARYANA UPDATE: सोमवार के व्रत का उद्यापन वैसे तो किसी भी सोमवार को किया जा सकता है, लेकिन इसके उद्यापन के लिए सावन, कार्तिक, वैशाख, ज्येष्ठ और मार्गशीर्ष मास के सभी सोमवार अति उत्तम माने जाते हैं. इस व्रत के उद्यापन में माता पार्वती और भगवान शिव के अलावा चंद्रमा की पूजा करने का भी विधान है.

 

 

Somar Vart Udyapan: हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग सोमवार का व्रत रखते हैं. सोमवार के दिन भगवान शंकर की विशेष पूजा करने का और व्रत रखने का विधान है. लोग अपने घर परिवार की खुशियों के लिए और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए सोलह सोमवार या फिर अपनी मनोकामना पूरी होने तक सोमवार का व्रत करते हैं.

सोमवार का व्रत करने के लिए जितने दिन का संकल्प लेते हैं, उतने ही दिन इस व्रत को करना चाहिए. इसके बाद जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब सोमवार के दिन ही पूरी विधि विधान के साथ इस व्रत का उद्यापन करना चहिए. भोपाल के रहने वाले (Pandit Hitendra Kumar Sharma) पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा, ज्योतिष बता रहें हैं सोमवार व्रत उद्यापन की सरल विधि.

सोमवार व्रत के उद्यापन की विधि (Method of Udyapan of Monday Vrat)
 

जिस दिन सोमवार के व्रत का उद्यापन करना हो उस दिन प्रात काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए.


इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से अच्छी तरह शुद्ध कर लें, इसके बाद पूजा स्थल पर केले के 4 पत्ते खंबे के रूप में लगाकर चौकोर मंडप स्थापित करें. चारों तरफ फूल और आम के पत्तों से मंडप को सजाएं.

पूजा स्थल पर पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सभी सामग्री को रखकर पूर्व की तरफ मुख करके आसन बिछाकर बैठ जाएं.

पूजा चौकी को मंडप के बीचो-बीच रखकर इस पर सफेद रंग का साफ-सवच्छ वस्त्र बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें.

इसके अतिरिक्त पूजा चौकी पर किसी अन्य पात्र में चंद्रमा को भी स्थापित करें और पूजा शुरू करें.

पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती पर फूल माला चढ़ाएं और पंचामृत का भोग लगाएं. साथ ही जल, दूध, दही, शहद, गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं.

इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और भांग चढ़ाकर आरती करें.

घर और पूजा में उपस्थित सभी लोगों को प्रसाद का वितरण करें.

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