Chanakya Niti : ऐसी लड़कियों पर कभी ना करें भरोसा, जानिए क्यों ?

किसी पर बहुत ज्यादा भरोसा करना अच्छा नहीं है, भले ही वह आपका दोस्त ही क्यों न हो। आचार्य चाणक्य नामक एक बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था कि हमें बुरे मित्रों से सावधान रहना चाहिए। लेकिन अपने अच्छे दोस्तों के साथ भी, हमें उन्हें अपने जीवन के बारे में सब कुछ नहीं बताना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यह आग से खेलने जैसा है क्योंकि समय लोगों को बदल सकता है। हम नहीं जानते कि लोग कब बदल जाएंगे, इसलिए अपने दोस्तों से भी सावधान रहना ज़रूरी है।

 

इन दोस्तों पर भूलकर भी कभी विश्वास या भरोसा न करें।

किसी पर बहुत ज्यादा भरोसा करना अच्छा नहीं है, भले ही वह आपका दोस्त ही क्यों न हो। आचार्य चाणक्य नामक एक बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था कि हमें बुरे मित्रों से सावधान रहना चाहिए। लेकिन अपने अच्छे दोस्तों के साथ भी, हमें उन्हें अपने जीवन के बारे में सब कुछ नहीं बताना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यह आग से खेलने जैसा है क्योंकि समय लोगों को बदल सकता है। हम नहीं जानते कि लोग कब बदल जाएंगे, इसलिए अपने दोस्तों से भी सावधान रहना ज़रूरी है।

क्या आपका मित्र भी ऐसा ही व्यवहार करता है?

परोक्षे कार्यान्तरम् प्रत्यक्ष प्रियवादिनम का अर्थ है कि कभी-कभी हमें दूसरों को देखे या जाने बिना कुछ भी करने की ज़रूरत होती है, खासकर अगर यह कुछ अच्छा या दयालु हो। यह एक गुप्त अच्छे कार्य को अपने तक ही सीमित रखने जैसा है। हमें अपने दोस्तों को इसके बारे में बताने से बचना चाहिए, जैसे हमें जहर से भरे बर्तन में कोई रहस्य फुसफुसाकर साझा नहीं करना चाहिए।

आचार्य चाणक्य कह रहे हैं कि कुछ दोस्त ऐसे होते हैं जो जब हमारे साथ होते हैं तो हमारे लिए अच्छे होते हैं, लेकिन जब हम साथ नहीं होते तो वो हमारे साथ बुरा व्यवहार करते हैं। हमें इन लोगों से दोस्ती नहीं करनी चाहिए, भले ही हमारा उनसे दोस्ती करने का इरादा न भी हो। अगर हमें पता चलता है कि वे ऐसे हैं, तो हमें सावधान रहने की ज़रूरत है क्योंकि वे हमें चोट पहुँचा सकते हैं। इन दोस्तों से दूर रहना ही बेहतर है।

ऐसे दोस्त रखना अच्छा विचार नहीं है जो इस तरह का व्यवहार करते हों।

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आचार्य चाणक्य नामक एक बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा था कि कभी-कभी ऐसे लोग होते हैं जो आपको अच्छे लगते हैं, लेकिन अंदर से वे अच्छे नहीं होते हैं। वे आपसे अच्छी बातें कह सकते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर वे वास्तव में आपके प्रति ईर्ष्या या गुस्सा महसूस करते हैं। अगर आपके भी ऐसे दोस्त हैं तो उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखना ही बेहतर है। आचार्य कहते हैं कि इस प्रकार के मित्र शत्रुओं से भी बदतर हो सकते हैं, इसलिए उनके निकट रहने से बचना ही सर्वोत्तम है।

इसलिए, उन पर विश्वास या भरोसा न करें।

विश्वासेट कुमित्रे और मेटर अच्छे दोस्त नहीं हैं। यह संभव है कि सभी बुरे मित्रों को दिखाया जा रहा हो।

आचार्य चाणक्य कह रहे हैं कि हमें अपने दोस्तों पर भरोसा करते समय सावधान रहना चाहिए और उन पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए।

इस प्रकार के मित्र वास्तव में आपको हानि पहुँचा सकते हैं।

आचार्य चाणक्य नाम के एक बुद्धिमान व्यक्ति सलाह देते हैं कि भले ही हम किसी के बहुत अच्छे दोस्त हों, लेकिन हमें उनके साथ अपने सभी रहस्य साझा करने में सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अगर कभी उस दोस्त के साथ हमारी बहस या असहमति होती है, तो वह हमारे राज़ सबको बता सकता है, जो हमारे लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। इसलिए, बेहतर है कि कुछ बातें अपने तक ही सीमित रखें और अपने दोस्तों के साथ हर बात साझा न करें, चाहे वे कितने भी करीबी क्यों न हों।