Chanakya Niti Tips: चाणक्य नीति के अनुसार, इन परिस्थितियों में न लें कोई भी फैसला, हो सकता है बड़ा नुकसान 

चाणक्य नीति में जीवन से जुड़ी कई बातें बताई गई हैं। जीवन में ऐसी कई परिस्थितियां आती है जब मनुष्य को सही गलत का फैसला लेना पड़ता है। लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुछ परिस्थियों में निर्णय लेना घातक हो सकता है।
 

Chanakya Niti tips: आचार्य चाणक्य ने मनुष्य व्यवहार का बहुत ही गंभीरता से अध्यनन किया। बताया जाये तो चाणक्य नीति में ऐसे कई सूत्र लिखे जिन्हें अपनाकर व्यक्ति की कई समस्याओं को हल निकाल सकता है। 

अपने नीति शास्त्र में ऐसी तीन स्थितियों के बारे में बताया है जिसमें व्यक्ति को न तो किसी को उत्तर देना चाहिए, न ही वचन देना चाहिए, और न ही कोई निर्णय लेना चाहिए। अन्यथा व्यक्ति को इसके बुरे परिणाम झेलने पड़ते हैं। अगर मनुष्य चाणक्य नीति के अनुसार चलता है तो उसे किसी भी परेसानी का सामना नही कर्ण पड़ेगा 


कब नहीं देना चाहिए वचन

जानिए आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब आप प्रसन्न हो तो किसी को कोई वचन नहीं देना चाहिए। वरना बाद में पछतावा हो सकता है।

क्योंकि ज्यादा प्रसन्न होने की अवस्था में व्यक्ति कभी-कभी ऐसे वचन भी दे देता है जो वह पूरे नहीं कर सकता। इसलिए चाणक्य नीति में कहा गया है कि वचन हमेशा सोच-समझकर ही देना चाहिए।

इस स्थिति में न दें किसी को उत्तर

जब आप क्रोध में हो तो किसी को उत्तर नहीं देना चाहिए। क्योंकि गुस्से में व्यक्ति अपना आपा खो बैठता है।

जिसके कारण वह कभी-कभी ऐसी बातें भी बोल देता है जिससे सामने वाले के मन का ठेस पहुंच सकती है। इसलिए गुस्सा होने किसी के सामने उतर न दे । 

कब नहीं लेने चाहिए निर्णय

व्यक्ति को दुख की स्थिति में कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय गलत भी हो सकते हैं

जिससे भविष्य में आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसलिए चाणक्य नीति के अनुसार, दुख के समय में दिल से नहीं दिमाग से काम लेना चाहिए। 

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