Hartalika Teej: व्रत में न करें ये गलतियां, नहीं तो अधुरी रह जाएगी पूजा
Haryana Update: सुहागिन स्त्रियों के लिए ये पर्व बहुत खास महत्व रखता है। इस व्रत में सुहागिन स्त्रियां मां पार्वती और शिव जी की पूजा करके उनसे अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन खुशियों से भर जाता है। लेकिन यदि आप भी हरतालिका तीज का व्रत पहली बार रख रही हैं, तो इस व्रत से जुड़ी कुछ खास बातों को भी जान लेना भी बहुत जरूरी है।
क्योंकि ये व्रत करवा चौथ से भी अधिक कठिन माना गया है। यदि आपने इस दिन भूलवश काम कर दिया। जिसको शास्त्रों के अनुसार भूलकर भी नहीं करना चाहिए। तो आपको दांपत्य जीवन में तमाम कष्टों का सामना करना पड़ता है। तो आइए आपको बताते हैं हरतालिका तीज से जुड़े नियमों के बारे में।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हरतालिका तीज के व्रत में गलती से भी जल या अनाज का सेवन न करें। क्योंकि ये व्रत निर्जला रखा जाता है। साथ ही इस दिन अपना पूरा ध्यान भगवान शिव व माता पार्वती के पूजन में लगाएं।
सुबह देर तक सोए नहीं-didn't sleep till late in the morning
हरतालिका तीज व्रत के दौरान सुबह देर तक सोए नहीं और न ही दिन में सोए। मान्यता है कि व्रत के दौरान यदि कोई व्रती दिन में सोता है तो ये शुभ नहीं माना गया है। वहीं शास्त्रों की मानें तो अगर किसी ने एक बार हरतालिका तीज का व्रत रखना शुरू कर दिया तो बीच में न छोड़े। इसे भी शुभ नहीं माना गया है। प्रत्येक वर्ष आपको इसे पूरे विधि-विधान से पूर्ण करना चाहिए।
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स्वयं पर काबू रखना बहुत जरूरी-self control is very important
शास्त्रों के मुताबिक हरतालिका तीज व्रत के दौरान व्रती को अपने क्रोध पर काबू और स्वयं पर काबू रखना बहुत जरूरी है। इस दिन किसी तरह का वाद-विवाद न करें। साथ ही व्रत को रखते समय आपका मन शीतल और सुकून से भरा होना चाहिए।
सबका सम्मान करें-respect everyone
व्रत के दौरान छोटे-बड़े सबका सम्मान करें। इस दिन किसी को कुछ अपशब्द न बोले, जिससे उनका दिल दुखे। साथ ही महिलाएं पति से किसी भी प्रकार का झगड़ा न करें और न ही अपशब्द बोलें। इसके अलावा व्रत वाले दिन परिवार में किसी भी प्रकार का किसी से भी जाने-अनजाने बुरा व्यवहार न करें।
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क्या करना शुभ होता है-What is good to do
मान्यताओं के अनुसार, हरतालिका तीज पर 16 श्रृंगार कर शिव-पार्वती का पूजन करें। इस दिन खासतौर पर रात्रि जागरण करें और रातभर प्रभु का कीर्तन करें और इसी के साथ हरतालिका तीज व्रत का पारण अगले दिन महादेव और मां पार्वती की प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद करें।