Janmashtami 2022: वृंदावन मे कान्हा की पोशाक बनाने मे लगे 10 हजार से ज्यादा मुस्लिम
Shri Krishna Janmashtmi: पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami)की तैयारियां धूमधाम से चल रही हैं। बाजारों में कान्हा (Kanha) की पोशाक और मूर्तियां बिकना शुरू हो गई हैं। इस बीच भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन (Mathura Vrindavan) में मंदिरों की साज-सज्जा के साथ दुकानों पर भगवान को सजाने का सामान मिल रहा है। लोग दूर-दूर से जन्माष्टमी के लिए शॉपिंग करने वृंदावन (Vrindavan) पहुंच रहे हैं। इसके अलावा देश-विदेश भी यहां के कारीगरों के पास ऑर्डर आ रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि मथुरा वृंदावन में मुस्लिम समुदाय के हजारों कारीगर कान्हा की पोशाक सालों से बना रहे हैं। भगवान की पोशाक बनाते समय मुस्लिम कारीगर उसकी पवित्रता का भी ध्यान रखते हैं।
जन्माष्टमी (Janmashtami) पर बढ़ जाता है कारोबार
जानकारी के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि इस साल मथुरा वृंदावन (Mathura Vrindavan) में भगवान की हाथों से बनी पोशाक (Laddu Gopal Dress) का कारोबार 500 करोड़ तक पहुंच सकता है। वैसे तो साल भर ये कारोबार चलता है, लेकिन जन्माष्टमी (Janmashtami) से दो महीने पहले इस कारोबार की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ जाती है। पिछले दो साल कोरोना की वजह से ये कारोबार हल्का रहा, लेकिन इस साल एक बार फिर से इसमें तेजी आई है।
हजारों मुस्लिम कारीगर बनाते हैं भगवान की पोशाक
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वृंदावन शहर में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की पोशाक (Dress) बनाने के 40 कारखाने हैं। इन कारखानों में 10 हजार से ज्यादा मुस्लिम कारीगर दिन रात भगवान की पोशाक बनाते हैं। एक कारीगर ने बताया कि वृंदावन में भगवान की पोशाक बनाने का काम 50-60 साल से हो रहा है। वहां केवल भगवान श्रीकृष्ण की ही नहीं बल्कि अन्य सभी देवी-देवताओं की पोशाकें तैयार की जाती हैं।
दुनियाभर में है यहां की बनी पोशाक की डिमांड
मथुरा-वृंदावन में बनने वाली पोशाकों की डिमांड पूरी दुनिया में है। यहां अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जापान, नेपाल, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों से करोड़ों रुपये के ऑर्डर आते हैं। भारत समेत दुनियाभर के करीब 90 फीसदी मंदिरों में भगवान वृंदावन (Vrindavan) में ही बनी पोशाक को पहनते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि वृंदावन में पोशाक बनाने का सबसे बड़ा कारोबार है।