Holi 2023: ये 5 काम करने से घर में रहेगी सुख-शांति,7 मार्च की शाम इतनी बजे तक रहेगी पूर्णिमा तिथि
Haryana Update : उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन (6 व 7 मार्च) होने से स्थानीय परंपरा के अनुसार, ये पर्व दोनों ही दिन मनाया जाएगा।
देश के कुछ हिस्सों में होलिका दहन (holika dahan 2023) 6 मार्च को हो चुका है, वहीं अधिकांश हिस्सों में ये पर्व 7 मार्च को भी मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि का महत्व अनेक धर्म ग्रंथों में बताया गया है। (Holi 2023) 7 मार्च को पूर्णिमा तिथि शाम को लगभग 6 बजे तक रहेगी।आगे जानिए ऐसे ही 5 कामों के बारे में.
स्नान-दान करें
फाल्गुन पूर्णिमा यानी 7 मार्च को किसी पवित्र नदी में स्नान करें और जरूरतमंदों को अपनी इच्छा अनुसार दान करें जैसे गेहूं, चावल आदि। संभव हो तो भूखों को भोजन करवाएं।
इतना भी न कर सकें तो गाय को हरा चारा खिलाएं। इन छोटे-छोटे उपायों से आपको शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
हनुमानजी को चोला चढ़ाएं
पूर्णिमा तिथि पर हनुमानजी को चोला चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा पर ये काम विशेष रूप से करना चाहिए। हनुमानजी को चोला चढ़ाने के लिए सिंदूर और चमेली के तेल का उपयोग करें।
संभव हो तो ये काम रात के समय करें। इस उपाय से आप पर हनुमानजी की कृपा बनी रहेगी।
होलिका की पूजा करें
फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है। इसके पहले होलिका की पूजा भी की जाती है। होलिका की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी तरह की कोई भी परेशानी नहीं होती। होलिका की पूजा करते समय महिलाएं मन ही मन भगवान से ये कामना जरूर करें।
भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें
पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने की भी परंपरा है। इसके लिए किसी योग्य पंडित की चयन करें और श्रद्धा और भक्ति के साथ ये कार्य करें। घर में इस तरह के धार्मिक आयोजन होने से पॉजिटिविटी बनी रहती है और परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
भगवान को गुलाल अर्पित करें
फाल्गुन पूर्णिमा पर शाम को जब भगवान की पूजा करें तो उन्हें थोड़ा सा गुलाल भी अर्पित करें। क्योंकि कोई सा भी त्योहार पहले भगवान द्वारा मनाया जाता है, इसके बाद ही भक्तों द्वारा। इसलिए पहले भगवान के साथ होली उत्सव मनाएं और इसके अगले दिन (8 मार्च, बुधवार) स्वयं होली खेलें।
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