Chanakya Niti: ये जीवन के तीन शत्रु कभी भी कर सकते हैं वार, कमजोर समझने की न करें गलती

चाणक्य भारतीय इतिहास के सबसे बड़े चिंतकों में से एक माने जाते हैं। उन्हें राजनीतिक चिंतन के लिए विशेष तौर जाना जाता है लेकिन उनके विचारों में राजनीति के अलावा भी बहुत कुछ मिलता है।
 

Chanakya's Teachings for Life: यही कारण है कि सदियां गुजर जाने के बाद भी उनके विचारों में लोगों की रुचि बनी हुई है। लोग जीवन की मुश्किलों का हल उनकी शिक्षाओं में पाते हैं।

 

 

आज हम आपको चाणक्य की ऐसी ही एक शिक्षा के बारे में बताएंगे जो कि एक सुरक्षित जिंदगी के लिए बहुत जरूरी है। चाणक्य के मुताबिक सफल और सुरक्षित जीवन के लिए जरूरी है कि हम कुछ चीजों, कुछ लोगों से सदा दूरी बनाएं रखें।

इनके करीब जाने का मतलब होगा विनाश। चाणक्य के मुताबिक रोग,सांप और शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। पूरी कोशिश करनी चाहिए कि ये तीनों आपके जीवन से दूर रहें। जानते हैं चाणक्य क्यों इन तीनों को इतना खतरनाक मानते थे।

शत्रु


चाणक्य शत्रु से हमेशा सावधान रहने, उसे कभी कमतर न समझने की सलाह देते हैं। वह बताते हैं कि अगर शत्रु शांत है इसका अर्थ उसकी हार न माना जाए।

शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए उसकी ताकत, कमजोरी, आदतों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। शत्रु पर उस समय विशेष ध्यान देना चाहिए जब वह आपसे दूर हो, हो सकता है तब वह आपको नुकसान पहुंचाने की कोई योजना बना रहा हो।

रोग


चाणक्य के मुताबिक रोग एक ऐसा शत्रु है जो दिखाई नहीं देता है। आप चाहे कितना ही बलवान और सफल हो लेकिन आपके शरीर को लगा रोग आपके सारे सुख छीन सकता है।

या फिर आपक किसी बड़े लक्ष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो रोग आपका सबसे बड़ा शत्रु है। रोग जैसे ही पकड़े उसका तुरंत उपचार कराएं, रोग के शुरुआती लक्षण से सावधान हो जाएं और चिकित्सक से संपर्क करें।

सांप


सांप से हमेशा बच कर रहें। सांप कब कहीं निकल कर आप हमला कर दे कहा नहीं जा सकता है। सांप को कभी परेशान न करें। कोशिश करें की जीवन में सांप से कभी सामना हो ही नहीं।