Ganesh Visarjan 2022: दस दिन बाद ही क्यों होता है गणेश विसर्जन? जानिए वजह
Haryana Update: Ganesh Visarjan 2022 in Hindi: भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (ganesh chaturthi) को भगवान गणेश घर-घर में विजाजते हैं। वहीं इसके 10 दिन बाद अनंत चतुर्थी (Anant Chaturthi) के दिन गणेश विसर्जन होता है। हालांकि कई जगहों पर डेढ़ दिन, पांच दिन बाद भी गणपति विसर्जन किया जाता है। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव (maharashtra ganesh Celebration) की धूम सबसे ज्यादा रहती है। इसके अलावा देश के कई राज्यों में गणेशोत्सव (Ganeshotsav) बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या कभी सोचा है कि गणपति 10 दिन ही क्यों विराजते हैं। 10 दिन बाद गणेश विसर्जन करने के पीछे एक खास कारण है, जिसका संबंध महाभारत से जुड़ा है।
शरीर पर जम गई थी धूल-मिट्टी -Dust and mud had settled on the body
मान्यता है कि भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का जन्म (ganesh birth) हुआ था। साथ ही पौराणिक कथाओं में यह भी उल्लेख है कि गणेश चतुर्थी के दिन से ही महाभारत (mahabhrat) का लेखन कार्य शुरू हुआ था। महर्षि वेदव्यास (Maharishi Ved Vyas) ने महाभारत की रचना के लिए गणेशजी से इसे लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी और गणेश जी ने कहा था कि वह लिखना आरंभ करेंगे तो कलम नहीं रोकेंगे। यदि कलम रुक गई तो वहीं लिखना बंद कर देंगे। तब महर्षि वेदव्यास ने कहा कि भगवान आप विद्वानों में सबसे आगे हैं और मैं साधारण ऋषि, यदि मुझसे श्लोकों में कोई गलती हो जाए तो आप उसे ठीक करते हुए लिपिबद्ध करते जाएं। इस तरह महाभारत लेखन शुरू हुआ और लगातार 10 दिन तक चला।
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सरस्वती नदी में स्नान-bathing in saraswati river
अनंत चतुर्थी के दिन जब महाभारत लेखन का काम पूरा हुआ तो गणेश जी का शरीर जड़वत हो चुका था। बिल्कुल न हिलने के कारण उनके शरीर पर धूल-मिट्टी जम गई थी। तब गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके अपना शरीर साफ किया। इसलिए गणपति स्थापना 10 दिन के लिए की जाती है और फिर गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
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मन का मैल हटाने का पर्व -filth removal festival
गणेशोत्सव को आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो यह 10 दिन हमें संयम से रहने और हमारे मन-आत्मा पर लगे मैल को हटाकर उसे स्वच्छ करने का समय है। इस दौरान व्यक्ति को अपना अवलोकन करते हुए पूरा ध्यान गणेश जी की भक्ति में लगाना चाहिए।