Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जौ? जानें इसके पीछे की वजह

Chaitra Navratri. नवरात्रि क्यों मनाई जाती है ये तो लगभग सभी जानते है लेकिन आखिर नवरात्रि मे जौ क्यू बोए जाते है ये शायद बहुत कम लोग जानते होंगे, चलिये आपको बताते है की किस वजह से नवरात्रि में जौ बीजे जाते है। इसके पीछे का कारण क्या है..

 
Chaitra Navratri

Chaitra Navratri 2022. चैत्र माह की पवित्र नवरात्रि 2 अप्रैल, 2022 से शुरू हो रही है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की भक्ति और उपासना करने से चित्त शांत और मन पवित्र होता है। इसके अलावा मनोकामना की भी पूर्ति होती है। नवरात्रि में ज्वारे यानी जौ का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के लिए जौ का इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल जौ पर ही कलश को स्थापित किया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि घटस्थापना से पहले जौ क्यों बोए जाते हैं ? यदि नहीं तो चलिए जानते हैं इसके बारे में। 

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क्यों बोए जाते हैं जौ? (Importance Of Barley in Navratri)

जौ के बारे में धार्मिक ग्रंथों में कथा आती है कि इस जब ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की तो उस वक्त की पहली वनस्पति 'जौ' थी। मान्यता है कि सृष्टि की रचना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन हुई थी। यही कारण है कि नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना के लिए पूरे विधि-विधान से जौ बोए जाते है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक जौ भगवान विष्णु का प्रतीक है, इसलिए घट स्थापना के लिए सबसे पहले जौ की पूजा की जाती है। साथ ही उसके ऊपर कलश स्थापित किया जाता है। 

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जौ क्या होता है?  (What is Barley)

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अधिकांश लोग जौ को ज्वारे भी करते हैं। संस्कृत भाष में इसे यव कहा जाता है। नवरात्रि के दौरान घर, मंदिर और अन्य पूजा स्थलों पर मिट्टी के बर्तन में जौ बोए जाते हैं। साथ ही रोजाना मां दुर्गा की पूजा से पहले इसमें जल अर्पित किया जाता है। नवरात्रि के आखिरी दिनों में यह हरा-भरा दिखने लगता है। नवरात्रि के समापन पर इसे किसी पवित्र किसी या तालाब में प्रवाहित कर दिया जाता है।