Haryana के इन 8 जिलों से होकर जाएगा ये नया एक्सप्रेसवे, आसपास की जमीन के बढ़ेंगे दाम

Haryana News: प्रदेश भर में हरियाणा सरकार लगातार विकास कार्य कर रही है. ताकि आम लोगों को कोई परेशानी न हो, पूरे हरियाणा में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. हाल ही में कई नए राजमार्ग और एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं, जिससे आम लोगों का सफर आसान हो गया है और वे कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकते हैं. ऐसे में हरियाणा को एक और राजमार्ग मिलने जा रहा है.
 

Haryana Update, New Delhi: कोटपुतली-अंबाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Kotputli Ambala Greenfield Expressway) के निर्माण से जयपुर से चंडीगढ़ की दूरी तीन घंटे कम हो जाएगी. इस एक्सप्रेसवे से राजस्थान से हिमाचल प्रदेश की वादियों में घूमने वाले लोग भी आसानी से सफर कर सकेंगे.

प्रदेश भर में हरियाणा सरकार लगातार विकास कार्य कर रही है. ताकि आम लोगों को कोई परेशानी न हो, पूरे हरियाणा में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. हाल ही में कई नए राजमार्ग और एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं, जिससे आम लोगों का सफर आसान हो गया है और वे कम समय में गंतव्य तक पहुंच सकते हैं. ऐसे में हरियाणा को एक और राजमार्ग मिलने जा रहा है. इस हिस्से में कोटपुतली-अंबाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है. अगस्त 2022 से, नारनौल से कुरुक्षेत्र के गंगहेड़ी तक 227 किलोमीटर की दूरी पर परिवहन सेवा शुरू हो गई है.

कोटपुतली-अंबाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण से चंडीगढ़ से जयपुर की दूरी तीन घंटे कम हो जाएगी. इस एक्सप्रेसवे से राजस्थान से हिमाचल प्रदेश की वादियों में घूमने वाले लोग भी आसानी से सफर कर सकेंगे. इस कॉरिडोर में जयपुर से चंडीगढ़ की दूरी करीब 477 किलोमीटर होगी.

9 किलोमीटर लंबी कोटपुतली-अंबाला एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा राजस्थान की सीमा पार करेगा. इस मार्ग में छह लेन होंगे. रास्ते पर 122 ब्रिज और अंडरपास भी होंगे. जयपुर से कोटपूतली या पनियाला 115 किलोमीटर दूर है. पनियाला भी इस कॉरिडोर की शुरुआत है.

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अंबाला-कोटपूतली एक्सप्रेसवे भी हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और चंडीगढ़ से जुड़ेगा. कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ राजमार्ग हरियाणा के आठ जिलों को जोड़ता है. अब राजस्थान से आने वाले गाड़ी अब कोटपूतली में पनियाला मोड़ से सीधे नारनौल के मांदी बाईपास होते हुए अंबाला पहुंच सकेंगे. इस एक्सप्रेसवे को भी हरियाणा के अंबाला और हिमाचल प्रदेश के बद्दी में 1200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा लॉजिस्टिक हब से जोड़ा जाएगा.

अब जयपुर से चंडीगढ़-शिमला जाने वाले लोगों को वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से गुजरना नहीं होगा. एक एक्सप्रेसवे पर बनाए गए एंट्री प्वाइंट पर टोल नहीं लगेगा; उसकी जगह एक खुला टोलिंग प्रणाली होगी. यानी कि एक्सप्रेसवे से निकलते समय टोल पर पड़ने वाली दूरी पर टोल टैक्स लगाया जाएगा.

कार 100 km/h तक चल सकती है जबकि ट्रक 80 km/h तक चल सकते हैं. फिलहाल, मोटरसाइकिलों और ट्रैक्टरों को एक्सप्रेसवे पर चलाना वर्जित है. केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से कई शहरों के बीच दूरी बहुत कम हो जाएगी और कई नवीन सुविधाओं से लैस हो जाएगी.