UP News : CM योगी ने किया ऐलान! यूपी में इन कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी 2.5 गुना, मिलेगा 5 साल का बकाया
 

UP Latest News :कर्मचारियों को अच्छी खबर मिली है। इन कर्मचारियों को हाल ही में यूपी सरकार से पांच वर्ष का बकाया मिलेगा। जिससे इन कर्मचारियों का वेतन दोगुना हो जाएगा। तो आइए नीचे खबर में सरकार के इस निर्णय के बारे में जानते हैं...   
 

Haryana Update, UP Latest News :कर्मचारियों को अच्छी खबर मिली है। इन कर्मचारियों को हाल ही में यूपी सरकार से पांच वर्ष का बकाया मिलेगा। जिससे इन कर्मचारियों का वेतन दोगुना हो जाएगा।

योगी सरकार ने यूपी में 36 हजार से अधिक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। योगी सरकार ने इन सभी कर्मचारियों की वेतनवृद्धि की घोषणा की है। साथ ही सरकार ने पांच साल का बकाया देने का फैसला किया है। 2018 से वन विभाग में 36 हजार से अधिक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पर बकाया था। साथ ही, उनके वेतन को लेकर भी हाईकोर्ट में केस चल रहा था। हाईकोर्ट ने पिछले दिनों यूपी सरकार को सभी कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने और उनका बकाया भुगतान करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार इसका पालन करने के बाद इसे हाईकोर्ट में दे देना चाहिए। यूपी सरकार ने शुक्रवार को हाईकोर्ट का आदेश मानते हुए ये फैसला लिया। सरकार ने कहा कि एक अप्रैल 2018 से वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बकाया के साथ प्रति माह 18 हजार रुपये वेतन दिया जाएगा। यह काम एक सप्ताह में पूरा होगा।

यह अनुपालन हलफनामा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किया है। उनका कहना था कि वन विभाग के दैनिक कर्मियों को छठे वेतन आयोग से 7000 रुपये मिल रहे हैं, उन सभी को जो नियमित रूप से काम कर रहे हैं, इसी दर से बकाया भुगतान किया जाएगा। साथ ही, 20 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहे शेष दैनिक कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतनमान भुगतान की एक नीति भी बनाई जाएगी। साथ ही, अपर महाधिवक्ता अशोक मेहता ने कहा कि अगली सुनवाई की तिथि तक सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने की योजना बनाई जाएगी।

कोर्ट ने कहा कि वन विभाग में काम करने वाले सभी दैनिक कर्मचारियों को काम करना होगा। आउटसोर्स कर्मचारियों को रखकर निकाला नहीं जाएगा। कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय या सचिव स्तर के नामित अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें पांच या छह अधिकारी सरकार और वन विभाग से होंगे। कमीटी में प्रमुख चीफ वन संरक्षक भी होगा। यह कमेटी वन विभाग में कार्यरत सभी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने की नीति बनाएगी, जो मुख्य सचिव द्वारा अनुपालन हलफनामा के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। गोरखपुर वन विभाग में कार्यरत दैनिक कर्मचारी विजय कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

याची के अधिवक्ता पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि आश्वासन के बाद अधिकारी पलट सकते हैं और आदेश का पालन करने की आशंका जताई। जवाब में अपर अधिवक्ता ने कहा कि पहले की बातें भूल जाओ। सरकार निष्पक्ष रूप से नीति बनाने जा रही है। एक सप्ताह में भुगतान और नीति बन जाएगी। संदेह की कोई वजह नहीं है। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि अधिकारी 10-20 वर्ष से अधिक समय से काम कर रहे दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने की योजना बनाएंगे। साथ ही किसी को बाहर नहीं निकाला जाएगा।