UP News: यूपी की सड़को पर नही दिखेंगे बेसहारा गौ, जानिए क्या है पूरी खबर
UP News: अब उत्तर प्रदेश की सड़कों पर भूखे गोवंश भटकते नहीं देखेंगे। योगी सरकार ने इनकी सुरक्षा और देखभाल के लिए व्यापक उपाय किए हैं। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निराश्रित गोवंश को पहले से चल रहे गो सरंक्षण केंद्रों तक पहुंचाने, उनके लिए हरे चारे की व्यवस्था करने और नियमित रूप से स्वास्थ्य प्रशिक्षण देने का आदेश दिया है। साथ ही, इसे अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी को भी कहा गया है। ज्ञात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राज्य भर में निराश्रित गोवंशों की संख्या बढ़ने की शिकायतें मिल रही थीं। मुख्यमंत्री योगी ने इस पर पहले भी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी, जिससे सुधार हुआ है। अब योगी सरकार ने अधिक तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं, ताकि राज्य की सड़कों पर कोई गोवंश नहीं रह जाएगा।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को निराश्रित गोवंश की सुरक्षा और देखभाल का उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से अधिक गो आश्रय स्थल बनाने की मांग की है। प्रदेश भर में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 6889 आश्रय स्थल संचालित हैं, जिनमें 6346 ग्रामीण और 543 शहरी क्षेत्र शामिल हैं। वर्तमान में इन आश्रय स्थलों में 1182949 बेघर गोवंश की देखभाल की जा रही है।
सीएम योगी ने विभाग को राज्य में गो आश्रय स्थलों को बढ़ाने की योजना बनाकर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है, ताकि इसे कैबिनेट में प्रस्तुत कर बजट जारी किया जा सके। उन्होंने गोवंश आश्रय स्थलों की स्थिति को सुधारने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक नियंत्रण को भी मजबूत करने की भी मांग की है। साथ ही, मुख्यमंत्री योगी ने गोचर जमीन को जियो टैगिंग और अधिग्रहण से मुक्त कराकर नेपियर घास लगाने को कहा है, जिससे हरे चारे की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।
आश्रय स्थल की हर जानकारी पोर्टल पर अपडेट होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, अधिक से अधिक निराश्रित गोवंशों को गो आश्रय स्थलों पर रहने की सुविधाएं दी जा रही हैं, डॉ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव पशुधन। टूटे हुए कैटल शेडों की मरम्मत और शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खडंजा इंटरलॉकिंग की व्यवस्था इसके तहत की जा रही है। वहीं, यहां काम करने वाले कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाना भी विचार में है। साथ ही, आश्रय स्थल से संबंधित सभी जानकारी को पोर्टल पर अपडेट करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि पता चल सके कि किस गो आश्रय स्थल पर कितने निराश्रित गोवंशों को बचाया गया है और कितने गोवंशों को बचाया जा सकता है। यही नहीं, जिलाधिकारी बार-बार आश्रय स्थल का निरीक्षण कर स्थिति की जांच करेंगे। साथ ही, अधिकारियों द्वारा ऐसे जोखिमपूर्ण स्थानों का भी चिन्हांकन किया जाएगा जो निराश्रित गोवंश के लिए अत्यंत खतरनाक हैं। इनमें नदी तट और नगरीय मंडी शामिल हैं।
गोसंरक्षण केंद्रों में काम कर रहे कर्मचारियों का मानदेय बढ़ेगा 7500 पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह 7000 रुपये प्रति महीना होगा, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 7500 रुपये प्रति महीना होगा। इन कर्मचारियों को मनरेगा के तहत अभी भी भुगतान मिल रहा है। इसके लिए प्रस्ताव बनाया गया था। छुट्टा पशुओं को गो संरक्षण केंद्रों में स्थानांतरित करने का प्रयास सरकार कर रही है। डॉ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव पशुधन, ने बताया कि अधिक से अधिक निराश्रित गोवंशों के लिए गो आश्रय स्थलों पर रहने की उचित व्यवस्था की जा रही है। खडंजा इंटरलॉकिंग की व्यवस्था की जा रही है, जो इसके टूटे हुए कैटल शेड की मरम्मत करेगा। वहीं, यहां काम करने वाले कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाना भी विचार में है। इसका प्रस्ताव विकसित हो रहा है। साथ ही, आश्रय स्थल से संबंधित सभी जानकारी को पोर्टल पर अपडेट करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि पता चल सके कि किस गो आश्रय स्थल पर कितने निराश्रित गोवंशों को बचाया गया है और कितने गोवंशों को बचाया जा सकता है। यही नहीं, जिलाधिकारी बार-बार आश्रय स्थल का निरीक्षण कर स्थिति की जांच करेंगे। साथ ही, अधिकारियों द्वारा ऐसे जोखिमपूर्ण स्थानों का भी चिह्नांकन किया जाएगा जो निराश्रित गोवंश के लिए बहुत खतरनाक हैं। इनमें नदी तट और नगरीय मंडी शामिल हैं। दो दिन पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि सभी छुट्टा गोवंश को गो संरक्षण केंद्रों में लाया जाए। उनकी सुरक्षा, देखभाल और उचित हरे चारे की व्यवस्था की जाए।