Haryana V.I.P.Donkey: वीआईपी बनी हिसार की गधियां
Haryana update: जब भी गधे का नाम आता है तो लोग हंसी उड़ाने लगते हैं लेकिन यदि आपको कहा जाए कि हरियाणा में गधियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है तो शायद आपके लिए भी विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन ये सच है कि हरियाणा में गुजरात से आई हलारी नस्ल की गधियों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है। इन गधियों के खान पान का भी अच्छे से ध्यान रखा जाता है। इसका कारण भी आज हम आपको इस लेख का माध्यम से बताने जा रहे हैं।
राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र
हिसार में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र द्वारा जेनी डेयरी को खोला गया है जिसमें गुजरात से हलारी नस्ल की गधियों को लाया गया है। ऐसे में अब इन गधियों का परिवार भी बढ़ चुका है और यहाँ इनका अच्छे से ध्यान भी रखा जाता है। गधियों को दी जाती है विशेष डाइट गुजरात से आई इन गधियों का परिवार अब बढ़ चुका है। अब इन गधियों का ध्यान भी विशेष सुविधाओं के साथ रखा जाता है। एनआरसीई द्वारा ही इन गधियों के खाने पीने का ध्यान रखा जाता है। इन गधियों को खाने के लिए विशेष चारा दिया जाता है।
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मिनरलयुक्त चारा खाने के लिए दिया जाता है
गधियों को हरा चारा, मिनरलयुक्त चारा खाने के लिए दिया जाता है ताकि गधियों की सेहत भी अच्छी रहे। ये गधियां, आने वाली नस्लों के लिए काफी महत्व रखती हैं इसलिए इन गधियों को अच्छे से पाला जा रहा है। चारा भी गधियों को दिन में तीन बार दिया जाता है। वहीं मिठाई के रूप में गधियों को गुड खाने के लिए दिया जाता है। कहा जा रहा है कि इससे दूध अच्छा उतरता है। वहीं गधियों के मनोरंजन के लिए शेड भी बनाए गए हैं।
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महामारी एलिजाबैथ नहाया करती थी
यहाँ गधियां भी आसानी से दौड़ भाग सकती है। बेहद खास है इस नस्ल की गधियां बताया जा रहा है कि इस नस्ल की गधियों के दूध से महामारी एलिजाबैथ नहाया करती थी और इस दूध की गुणवत्ता भी काफी अच्छी होती है। ऐसे में अब इन गधियों के दूध से साबुन और खूबसूरती के प्रॉडक्ट बनाए जा सकते हैं। जिनसे मोटी कमाई होने की पूरी संभावना है.