Jalore Case: आज पीड़ित दलित परिवार से मिल सकते हैं भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, जानिए पूरी मामला

Jalore Case: Bhim Army Chief Chandrashekhar Azad can meet the victim's Dalit family today, know the whole matter
 

Haryana Update. Jalore Case: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद आज राजस्थान के जालौर में टीचर की पिटाई के बाद मरने वाले दलित छात्र के परिवार वालों से मुलाकात कर सकते हैं.

 

Jalore Case: राजस्थान (Rajasthan) के जालौर (Jalore) में टीचर की पिटाई के बाद दलित छात्र की मौत के बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad) उर्फ रावण बुधवार 17 अगस्त को जोधपुर हवाई अड्डे (Jodhpur Airport) पहुंचे थे. जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. फिलहाल आज चंद्रशेखर आजाद दलित छात्र के परिवार वालों से मुलाकात कर सकते हैं.

 

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दरअसल जालौर में टीचर की पिटाई के बाद दलित छात्र मौत मामले में बुधवार को  #Chandrashekhar Azad का पीड़ित परिवार से मिलने का कार्यक्रम था. जिससे पहले ही #Chandrashekhar Azad को जोधपुर हवाई अड्डे पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद आज भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर और उनके कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के घर जाने का प्रयास कर सकते हैं.

गांव में तैनात किया गया अतिरिक्त पुलिस बल

वहीं जालौर के सुराणा गांव में Law and order को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. पुलिस का कहना है कि भीड़-भाड़ होने और भीम आर्मी के नेताओं के दौरे के दौरान कानून व्यवस्था को नियंत्रित रखने के लिए ऐसा किया गया है.

इसके अलावा  #Aam Aadmi Party's today in the national capital Delhi SC-ST विंग जालौर में टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत मामले पर कांग्रेस ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन करेगी.

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AAP MLA Kuldeep Kumar ने मंगलवार को बताया कि टीचर की पिटाई से जालौर में बच्चे की मौत और अन्य जगहों पर दलितों पर हुये अत्याचार के विरोध में आज दिल्ली कांग्रेस ऑफिस पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

क्या है मामला

बता दें कि जोधपुर (Jodhapur) के जालौर (Jalore) में 20 जुलाई के दिन नौ वर्षीय दलित छात्र इंद्र कुमार को एक टीचर ने कथित तौर पर मटका छूने पर इतनी पिटाई की थी कि उसकी मौत हो गई. जिसके बाद अब यह मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. वहीं राजस्थान (Rajasthqan) की गहलोत सरकार ने पीड़ित परिवार के लिए आर्थिक मदद की घोषणा तो कर दी है लेकिन इससे दलित समुदाय में नाराजगी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है.