आप सब के साथ हो रहा है एक डरावना हादसा! इंसानों की जानकारी जुटा रहे एलियंस, मोबाइल टावर कर रहा है उनकी मदद
Haryana Update: एलियंस को कभी नहीं देखने के बाद भी इंसानों में इन कथित अंतरिक्ष जीवों को लेकर काफी उत्सुकता रहती है. वैज्ञानिक भी ये पता लगाने में जुटे रहते हैं कि क्या हमारे ग्रह पृथ्वी के अलावा भी किसी ग्रह पर जीवन है. क्या एलियंस का वजूद होता है?
क्या अंतरिक्ष में किसी ग्रह पर हमसे भी विकसित कोई सभ्यता का अस्तित्व है? इन्हीं विषयों पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने अब ये पता लगाना शुरू किया है कि क्या एलियंस धीरे-धीरे इंसानों के करीब आते जा रहे हैं?
वैज्ञानिकों ने ए कहाँ
वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका 5जी नेटवर्क से कोई लेनादेना नहीं है. उनके मुताबिक, हमारे किसी भी मोबाइल टावर का विकिरण हमें खोजने में एलियंस की मदद कर सकता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, इन टावरों से लीक होने वाला विकिरण कैंसर पैदा नहीं करता है.
ये एक प्रकार की ऊर्जा है, जिसका इस्तेमाल रेडियो और टीवी प्रसारण में किया जाता है. मॉरीशस विश्वविद्यालय की डॉ. नलिनी हीरालाल का कहना है कि स्पेस में उन्नत सभ्यताओं के होने की पूरी संभावना है.
वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन रिपोर्ट में ए बताया
वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन रिपोर्ट में बताया है कि एलियंस इंसानों के बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं. इस काम में हमारे मोबाइल टावर्स एलियंस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, मोबाइल टावर से होने वाले लीकेज के जरिये एलियंस इंसानों के बारे में ज्यादा से ज्यादा सूचनाएं इकट्ठी कर सकते हैं.
दरअसल, वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कोई हमसे भी ज्यादा विकसित होगा तो वो हमारी ही टेक्नोलॉजी के जरिये हमारी जानकारी हासिल कर सकता है.
डॉ. नलिनी हीरालाल कहती हैं
डॉ. नलिनी हीरालाल कहती हैं कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप और ज्यूपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर जैसे अंतरिक्ष अभियानों के जरिये अंतरिक्ष में हमसे ज्यादा उन्नत सभ्यताएं होने के संकेत मिल रहे हैं. मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मुताबिक, एलियंस आकाशगंगा में उन्नत जीवन की खोज कर रहे हैं. जैसे-जैसे हमारे ब्रॉडबैंड सिस्टम ज्यादातर ताकतवर होंगे, वैसे-वैसे हमें पहचानने की एलियंस की क्षमता भी बढ़ती जाएगी.
मोबाइल टॉवरों के आधुनिक होने से एलियंस होगे ज्यादा प्रभावशाली
वैज्ञानिकों का कहना है कि मोबाइल टॉवरों के आधुनिक होने से एलियंस ज्यादा प्रभावशाली होते जाएंगे. बता दें कि भारत समेत दुनियाभर में मोबाइल संचार प्रणालियां धीरे-धीरे ज्यादा विकसित होती जा रही हैं.
सरकारें और टेलिकॉम कंपनियां उपभोक्ताओं की संचार जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मोबाइल संचार प्रणालियों को लगातार बेहतर करते जा रहे हैं. इस प्रक्रिया को रोका भी नहीं जा सकता है. वहीं, हम अंतरिक्ष में भी अपना दखल बढ़ाते जा रहे हैं.
वैज्ञानिक के मुताबिक, धरती के रेडियो लीकेज सिग्नेचर में अब मजबूत मोबाइल रेडियो सिग्नल के साथ कई तरह सिग्नल शामिल हैं. इनमें रडार, डिजिटल प्रसारण प्रणाली और वाई-फाई नेटवर्क शामिल हैं.
मानवों से ज्यादा विकसित एलियंस इस संचार व्यवस्था के जरिये हमारे करीब पहुंच सकते हैं. वैज्ञानिकों ने अब तक ये नहीं बताया है कि इन विकिरणों के जरिये अगर एलियंस हमारी जीवन प्रणाली की पूरी जानकारी जुटा लेते हैं तो इससे हमें क्या नुकसान होगा?