Aditya-L1 Mission: भारत ने किया चांद को फतह, अब सूरज को बनाया अपना नया लक्ष्य! जाने आखिर क्या है आदित्य-L1 का काम?

Aditya-L1 Mission: आप सभी को पता होगा कि कुछ दिनों पहले हमारे भारत के चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली थी. लेकिन वही अब इसके बाद ISRO ने अपना नया लक्ष्य सूर्य को बना लिया है. हम आपको बता दे कि इस मिशन के लिए आदित्य-L1 (Aditya-L1 Mission)....

 

Haryana Update: आप सभी को जानकारी के लिए बता दे कि आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान को सूरज की बाहरी परत का दूरस्थ अवलोकन प्रदान करने और सौर के वातावरण का अध्ययन करने के लिए बनाया गया है.

यह बड़े पैमाने पर सौर हवाओं का अध्ययन करेगा, जो पृथ्वी पर अशांति पैदा कर सकती हैं और आमतौर पर 'ऑरोरा' के रूप में देखी जाती हैं. लंबी अवधि में, मिशन का डेटा पृथ्वी के जलवायु पैटर्न पर सूर्य के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है.

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि उपग्रह तैयार है और पहले ही श्रीहरिकोटा पहुंच चुका है. अंतरिक्ष एजेंसी ने 2 सितंबर को इसके लॉन्च का लक्ष्य रखा है. इसकी लॉन्चिंग 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से होगी. वहीं आम जनता को श्रीहरिकोटा लॉन्च व्यू गैलरी से इसकी लॉन्चिंग देखने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है.

आदित्य-एल1 भारत के हैवी-ड्यूटी लॉन्च वाहन, पीएसएलवी पर सवार होकर 1.5 मिलियन किलोमीटर की यात्रा करेगा. एस सोमनाथ ने बताया, 'प्रक्षेपण के बाद, इसे पृथ्वी से लैग्रेंज बिंदु 1 (L1) तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे. हमें तब तक इंतजार करना होगा.'

Aditya-L1 Launch Date: इसरो ने जारी की सूर्य मिशन लॉन्चिंग करने की तारीख, इसरो चीफ़ डॉ एस सोमनाथ ने किया ये बड़ा ऐलान

बता दें कि इसरो ने अंतरिक्ष इंजीनियरिंग में दुनिया को मात देने वाली लागत प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए प्रतिष्ठा अर्जित की है. चंद्रयान-3 मिशन के लिए मात्र 600 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वहीं आदित्य-एल1 को चंद्रयान-3 की लगभग आधी लागत पर बनाया गया है.

सरकार ने सूर्य के वातावरण का अध्ययन करने के मिशन के लिए साल 2019 में 378 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी. हालांकि ISRO ने अभी तक लागत पर कोई आधिकारिक अपडेट नहीं दिया है.

ISRO के अनुसार आदित्य-एल1 सात पेलोड ले जाएगा, जो फोटोस्फीयर (सूर्य की दृश्यमान सतह), क्रोमोस्फीयर (दृश्यमान सतह के ठीक ऊपर) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अलग-अलग अवलोकन करने में सहायता करेगा.

Mission Aditya: चाँद के बाद अब सूर्य पर ISRO की नजर, क्या है "मिशन आदित्य"