CET New Policy : सरकार ने CET में किए कई बड़े बदलाव, अब बच्चे लगेंगे फटाफट नौकरी 

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन आज, कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने CET का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि सीईटी में अभ्यर्थियों को उम्र सीमा में छूट देने की चर्चा की गई थी, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई। CET पास करने वाले विद्यार्थियों को नियुक्ति पत्र कब मिलेगा?
 

 सीईटी के प्रश्नपत्र बनाने वाली संस्था के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? परीक्षार्थी पूरी रात पेपर का इंतजार करते रहे। किरण चौधरी ने ऐसे कई प्रश्न पूछे।


CM ने सदन में CET मुद्दे पर कहा कि पहले पद के लिए चयन प्रक्रिया लंबी थी। हमने शीघ्र भर्ती की नीति बनाई है। ग्रुप डी के सभी पदों को एक व्यापक कैडर में शामिल किया गया है। Same-Job के 64 अलग-अलग ग्रुप बनाए गए हैं।क्योंकि 64 ग्रुप में सबसे अधिक आवेदन आए थे, इसलिए 56 और 57 कैटेगरी में अलग-अलग पेपर होंगे। जहां तक सवाल है, मामला अभी अदालत में है। 4 गुना योग्य उम्मीदवारों को बुलाया गया था, जितने पद होंगे, उनमें से 4 गुना चुना जाएगा।


पहली नौकरी का चयन कठिन था।
हमने शीघ्र भर्ती की नीति बनाई है।
ग्रुप डी के सभी पदों को एक व्यापक कैडर में शामिल किया गया।
भविष्य में ग्रुप डी का कोई भी कर्मचारी अपनी वरिष्ठता के अनुसार विभाग बदल सकता है।
ग्रुप सी के लिए भी सरकार ने बहुत कुछ किया और भविष्य के लिए कुछ योजनाएं भी बनाईं।
अब तक, ग्रुप सी में 35,000 पदों के लिए 11 लाख 22 हजार लोगों ने सीईटी परीक्षा दी है।

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जिसमें से 3,59,000 लोगों ने योग्यता पूरी की, उनमें से 501 पदों के लिए भर्ती हुई।
समान पदों के 64 अलग-अलग ग्रुप बनाए गए।
क्योंकि 64 ग्रुप में सबसे अधिक आवेदन आए थे, इसलिए 56 और 57 कैटेगरी में अलग-अलग पेपर होंगे।
जहां तक सवाल है, मामला अभी अदालत में है।
4 गुना योग्य उम्मीदवारों को बुलाया गया था, जितने पद होंगे, उनमें से 4 गुना चुना जाएगा।

आयु सीमा से कुछ अभ्यर्थियों को छूट दी गई।
जो लोग पहले विज्ञापन में आए थे यदि सीईटी के कारण उनका विज्ञापन वापस लिया गया था, तो उन्हें आयु में छूट मिली है।
लोगों को 52 साल की छूट भी दी गई है जो विशेष वर्ग से हैं (जिनकी भर्ती निकाली गई थी)।
मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar ने सदन में CET पर चर्चा करते हुए कहा कि पहली नौकरी के लिए लंबी चयन प्रक्रिया होती है। सरकार ने जल्द भर्ती पॉलिसी बनाई और ग्रुप डी के सभी पदों के लिए एक बड़ा काडर बनाया। ग्रुप डी के कर्मचारी भविष्य में अपनी वरिष्ठता के हिसाब से विभाग बदल सकते हैं।