Chanakya Niti : इन महिलाओं की जरूर करें कदर, घर में रहेगी हमेशा खुशहाली 

चाणक्य काल और प्राचीन भारत में महिलाओं का बहुत सम्मान था। नीतिशास्त्र में चाणक्य ने महिलाओं के बारे में बहुत कुछ लिखा है। चाणक्य का विचार था कि जिस राज्य में महिलाओं को समान दर्जा और सम्मान दिया जाता है, वह राज्य बहुत तरक्की करता है। जिस परिवार या व्यक्ति इन पांच महिलाओं का सम्मान करता है, उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।
 

1. माँ: वह व्यक्ति जो हमेशा अपनी मां का सम्मान करता है और उनकी देखभाल करता है, वह देवी लक्ष्मी की कृपा उस पर हमेशा बनी रहेगी, जिससे वह सुख-शांति से जीवन यापन कर सकेगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी माता की सेवा करने में नि:स्वार्थ भावना होनी चाहिए। माता की राह पर ही स्वर्ग है। मांग की कृपा से सभी संकट दूर होते हैं।
 
2. शिक्षक की पत्नी: शिक्षक या गुरु की पत्नी भी मां की तरह होती है। गुरु मां को उतना ही सम्मान और सम्मान दिया जाना चाहिए जितना गुरु को।

3. तीसरी पत्नी की मां: पत्नी की मां, यानी सास, भी माता की तरह होती है। इसलिए देवी लक्ष्मी का आदर सत्कार करने से उनकी कृपा बनी रहती है। पति पत्नी के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं और परिवार में सौहार्द और समझौता बनी रहती है जब सास का आदर सत्कार किया जाता है।
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4. सम्राट की पत्नी: चाणक्य कहता है कि राजा अपनी प्राजा को संतान की तरह पालन पोषण करके उसकी रक्षा करता है, इसलिए राजा की पत्नी भी मां की तरह होती है। राजा की पत्नी को भी उतना ही सम्मान देना चाहिए जितना उसके माता-पिता को।

5. साथी की पत्नी: चाणक्य कहता है कि मित्र की पत्नी के प्रति शुद्ध भावना रखनी चाहिए और उसका भी मां की तरह सम्मान करना चाहिए। यह विश्वास, ईमानदारी और स्नेह को बढ़ाता है और देवियों की कृपा हमेशा बनी रहती है।