Chanakya Niti : ना करें ऐसी लड़कियों से शादी, सावधान 

हर व्यक्ति शादी करना चाहता है। शादी करना एक साहसिक निर्णय है क्योंकि आपका जीवनसाथी आपके सुख-दुख का साथी बनेगा। आपको प्यार है। वह आपकी हर छोटी-बड़ी खुशी को देखता है। लड़कों को भी सही जीवनसंगिनी की प्रतीक्षा होती है, जैसे कि लड़कियों को। 

 

मानव जन्म और मृत्यु दोनों एक बार होते हैं, और हिंदू धर्म में शादी भी एक बार होती है। राजा-महाराजा को तीन से चार पत्नियां थीं, इसलिए वे जमाने चले गए। आजकल, शादी एक व्यक्ति की जिंदगी में खुशियों का सफर तय करने का एक कदम है।

वहीं, महान कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने शादी जैसे महत्वपूर्ण निर्णय को लेकर लड़कों के लिए कुछ विशिष्ट नियम बताए हैं। लड़के ये नियम अपनाते हैं तो उनकी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल और सफल होती है। आचार्य चाणक्य के सिद्धांतों से हर कोई परिचित है। ये लोगों को सही और गलत को चुनने की प्रेरणा भी देते हैं।

वास्तव में, हर व्यक्ति शादी करना चाहता है। शादी करना एक साहसिक निर्णय है क्योंकि आपका जीवनसाथी आपके सुख-दुख का साथी बनेगा। आपको प्यार है। वह आपकी हर छोटी-बड़ी खुशी को देखता है। लड़कों को भी सही जीवनसंगिनी की प्रतीक्षा होती है, जैसे कि लड़कियों को। तो चलिए आपको बताते हैं कि आचार्य चाणक्य ने जीवनसाथी चुनने पर क्या कहा था:

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खूबसूरती से दूर रहें

लड़के अक्सर गोरी-चिट्ठी और सुंदर नयन-नक्श वाली लड़की चाहते हैं, लेकिन खास बात यह है कि जीवनसाथी के गुणों से ज्यादा खूबसूरती चाहिए। गुणवान होने पर ही वह आपके परिवार को एकजुट रखेगी, आपका ही नहीं, पूरे परिवार का विशेष ध्यान रखेगी।


देखें अंतर्निहित गुण

जीवनसाथी चुनते समय उसके आंतरिक गुणों को अधिक महत्व देना चाहिए, न कि बाहरी सुंदरता। लड़के अक्सर अधिक सुंदरता के चक्कर में पड़कर कम गुणवान लोगों को चुनते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें पूरे जीवन भर भुगतना पड़ता है।

धैर्य रखना महत्वपूर्ण है

पुरुष हो या महिला, धैर्य रखना बहुत महत्वपूर्ण है। धैर्यवान व्यक्ति हर परिस्थिति में घर और परिवार को बचाता है।

ज्यादा क्रोधित मत होना


गुस्सा करने से न सिर्फ आपको बल्कि आपके आसपास के लोगों को भी नुकसान होता है। ऐसे में अपने जीवनसाथी को चुनते समय उसके व्यक्तित्व को जानना महत्वपूर्ण है। लोगों का क्रोध अक्सर उनके बसे-बसाए घरों को बर्बाद कर देता है।

धर्म-कर्म में धारणा


घर में पूजा-पाठ करने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि मनोवैज्ञानिक परिवर्तन भी होता है। विशेष रूप से, धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाले लोगों को कुछ सीमा होती है। ऐसे में शादी से पहले जीवनसाथी में यह विशेषता होना चाहिए।