Chanakya Niti: बनना चाहते है आप भी अमीर  तो इन जगहों से निकले बाहर

Chanakya Niti: आप सभी जानते है कि आचार्य चाणक्य मौर्य काल के समकालीन थे. साथी ही जानकारी के लिए बता दें कि चाणक्य के कारण ही मगध नरेश चंद्रगुप्त ने मौर्य सामाज्य की स्थापना की.
 

आप सभी जानते है कि आचार्य चाणक्य मौर्य काल के समकालीन थे. साथी ही जानकारी के लिए बता दें कि चाणक्य के कारण ही मगध नरेश चंद्रगुप्त ने मौर्य सामाज्य की स्थापना की. पुराने समय में कई राजाओं ने अपने साम्राज्य के विकास और विस्तार के लिए चाणक्य की नीतियों को अपनाया. वर्तमान समय में भी चाणक्य की नीतियों का पालन किया जाता है.

सभी जानते है कि चाणक्य को दुनियाभर में तीव्र बुद्धि, अर्थशास्त्री, कुशल राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता है. आज भी चाणक्य की नीतियां और महान संदेश दुनियाभर में प्रसिद्ध है. जीवन को खुशहाल और सफल बनाने, समाज में पद-प्रतिष्ठा दिलाने आदि में चाणक्य की नीतियां बहुत काम आती है.   

आचार्य चाणक्य धनवान बनने और तरक्की करने के बारे में भी बताते हैं. चाणक्य के अनुसार, कोई व्यक्ति जीवनभर इसलिए भी गरीब रह जाता है, क्योंकि वह गलत स्थान पर रहता है. जी हां चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की गरीबी का एक कारण स्थान भी हो सकता है. चाणक्य ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं जहां रहने वाला कभी उन्नति नहीं कर पाते. आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में-

 

 

इन जगहों पर रहने वालों की रुक जाती है तरक्की

चाणक्य के अनुसार आप जहां रहते हैं वहां आसपास कोई कारोबार करने वाले नहीं हो तो ऐसी जगह नहीं रहना चाहिए. ऐसी जगह पर रहने वालों का जीवन निर्धनता में ही बीत जाता है.


साथ ही चाणक्य कहते है कि आपका घर किसी ऐसे स्थान पर हैं जहां कोई वेदों को जानने वाला या ब्राह्मण न हो तो ऐसी जगह पर भी निवास नहीं करना चाहिए. क्योंकि ब्राह्मणों द्वारा ही धर्म की रक्षा होती है. इसलिए ऐसे स्थान का त्याग कर देना चाहिए.


जल को लेकर कहावत है जल ही जीवन है. इसलिए ऐसी जगहों पर न रहें जहां नदी, तालाब, कुंआ आदि न हो. ऐसी जगहों पर जीवन बिताना कठिन हो जाता है.
अगर आपके घर के आस-पास कोई चिकित्सक या वैद्य न हो तो, वहां रहना भी श्रेष्ठकर नहीं है. क्योंकि रोग, दुर्घटना, ज्वर जैसे साध्य-असाध्य रोगों को ठीक करने के लिए इलाज की जरूरत होती है, जोकि चिकित्सक के बगैर संभव नहीं. इसलिए जहां चिकित्सा का अभाव हो वहां रहना भी हितकर नहीं है.