Chanakya Niti : ऐसी स्त्री के साथ कभी ना करें शर्म लिहाज, पुरुष जरूर जान लें ये बातें 

भारत ही नहीं दुनिया के पहले और सबसे महान धार्मिक सिद्धांत और अर्थशास्त्र माने जाते हैं। आचार्य चाणकयोग्य ने अर्थशास्त्र, राजनीति, शास्त्र के अलावा असावहरिक जीवन की भी कई बातें बताईं जो आज भी समाज के लिए उतनी ही उपयोगी हैं जितनी पहले थी। आचार्य आचार्य के अनुसार चार ऐसे काम हैं जिन्हें करने में व्यक्ति को कभी भी शर्माना नहीं चाहिए।
 

आचार्य चाणक ने अपनी टीम में बड़ों, बुजुर्गों, बच्चों सभी के लिए कोई सीख नहीं दी। जिस पर अमल कर मानव अपने जीवन में कलाकारों की कीमतें आसानी से प्राप्त कर सकता है। आज हम आपको चाणक्य की नीली गूढ़ बातों पर एक बार चर्चा करने जा रहे हैं, जिसपर अमल कर आप भी अभ्यास के शिखर पर पहुंच सकते हैं और अपने घर को सुख-समृद्धि से भर सकते हैं।

जीवन में कई ऐसे काम करते हैं जिनमें वक्त लोग शर्म करते हैं। और यह एक वैज्ञानिक समाज के लिए भी आवश्यक है। लेकिन आचार्य चाणक ने अपने नीति शास्त्र में कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया है जिससे वक्ता इंसान को कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। चाणक कहते हैं कि कुछ ऐसे काम हैं जो इंसान को शर्मसार और निरर्थक ही छोड़ देते हैं। जो व्यक्ति ऐसा नहीं करता है उसे जीवन भर पचाना है।

चाणक ने अपने नीति शास्त्र में चार ऐसे लेखकों का ज़िक्र किया है जो बताते हैं कि समय मनुष्य को बिल्कुल ही शर्म नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं वो कौन से काम करता है जिसमें वक्ता पुरुष या महिला को शर्म नहीं करनी चाहिए।

पुरुष हो या स्त्री, शर्म जरूर छोड़ें ये चार काम
हर कोई चाहता है कि उसका जीवन सुखमय हो और उसके घर में सुख-शांति का वास हो, लेकिन इसके लिए धन जरूरी है। धन के लिए कामना जरूरी है। ऐसे में लोग पैसे तलाशने के लिए रास्ता ढूंढ़ते हैं। आचार्य आचार्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति को धन से संबंधित काम करते समय शर्म नहीं करनी चाहिए। क्योंकि अगर कोई भी व्यक्ति पैसे कमाने के लिए काम करता है तो वह अपना काम ठीक नहीं कर सकता। ऐसे में उसे ही नुकसान होता है।
इसके साथ ही आचार्य पैसे वाले चाणक कहते हैं कि यदि आपने किसी को उधार में दिए गए निर्देशों को वापस मांगा है तो उन्हें कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपका पैसा डूब सकता है और इसकी वजह से आपको नुकसान हो सकता है।

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इसके आगे आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री हो या पुरुष का पेट सबके लिए महत्वपूर्ण है। लोगों का मानना ​​है कि उनके सामने कभी भी किसी का संकट पैदा न हो। ऐसे में खाने के वक्त कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। कई लोग ऐसे होते हैं जो बाहर खाना खाते हैं वक्ता शर्मा जाते हैं और शर्म की वजह से कई बार पार्टनर तक रह जाते हैं। चाणक हैं कि कभी भूख को मारना नहीं चाहिए।
इसके साथ ही आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुरु से शिक्षा लेते समय भूलकर भी शर्म नहीं करनी चाहिए। सत्य गुरु हर व्यक्ति के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका में होते हैं और हर समय मनुष्य को कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। ऐसे में गुरु से शिक्षा लेने में कभी भी शर्म नहीं करनी चाहिए। एक अच्छा सफल और छात्र क्या होता है जो बिना शर्म गुरु से शिक्षा ग्रहण करता है और गुरु से अपने प्रश्न के उत्तर पूछता है।