Chanakya Niti : पुरुषो को कुछ भी नहीं समझती ऐसी महिलाएं 

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले बताई गई बातें आज भी लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं। नीतिशास्त्र में चाणक्य ने जीवन के कई व्यावहारिक पहलुओं पर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। 

 

Haryana Update : आचार्य चाणक्य ने सदियों पहले बताई गई बातें आज भी लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं। नीतिशास्त्र में चाणक्य ने जीवन के कई व्यावहारिक पहलुओं पर कई महत्वपूर्ण बातें कही हैं। चाणक् य नीति में महिलाओं और पुरुषों के चरित्र और गुणों-अवगुणों के बारे में भी बहुत कुछ कहा गया है।

आचार्य चाणक्य ने कहा कि महिलाएं कुछ गुणों में पुरुषों से कहीं आगे हैं। इस मामले में एक आदमी उन्हें कभी भी पराजित नहीं कर सकता। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने कहा कि मोहनी और मद पैदा करने वाली सुन्दर स्त्री अपने सच्चे प्रेमी को कभी नहीं चाहती। वह न सिर्फ उसे मूर्ख मानती है, बल्कि उसे घृणा करती है।

चाणक्य शास्त्र (Chanakya Niti) के अनुसार जो पुरुष चालें चलता है, झूठ बोलता है, एक नंबर का धूर्त, दगाबाज और दुष्टता की खान होता है, उसे पाने के लिए मोहनी स्त्री उत्सुक रहती है। यही कारण है कि अगर कोई आदमी अच्छा बनकर किसी स्त्री को पाने की सोचता है तो वह बहुत मूर्ख है। मोहनी स्त्री किसी अच्छे व्यक्ति को मूर्ख समझती है और उसे कभी नहीं चाहती।

दूध पिलाने से सर्प का विषेलेपन खत्म नहीं होता।

Chanakya Niti : चुपके से ये काम करने वाली महिलाएं जल्दी हो जाती है बूढ़ी

जैसा कि चाणक्यनीति में बताया गया है, सर्प को दूध पिलाने से उसका विषेला स्वभाव खत्म नहीं होता, बल्कि और भी बढ़ जाता है। इसी तरह, मद और मोहन उत्पन्न करने वाली स्त्री अच्छे और सदगुणी पुरुषों के संपर्क में आने पर और भी बुरी और क्रूर हो जाती है। वह ऐसे आदमी को सांप की तरह जीवन भर डंसती रहती हैं। उस पर भी उसे दया नहीं आती।

मद और मोहनी पैदा करने वाली स्त्री हमेशा ऐसे पुरुष की तलाश में रहती है जो स्वभाव में दुष्ट, झूठ बोलता, चालें चलता, धूर्त हो और सिर्फ अपनी कामपिपासा मिटाना चाहता है।

स्त्रियां ऐसे नीच आदमी को पाने के लिए मोहनी और मद पैदा करती हैं, जो किसी की भी परवाह नहीं करती। वह भी अपने माता-पिता, पति और बच्चों को छोड़ने को तैयार हो जाती है। ऐसी स्त्रियां शास्त्र, दंड या मान-सम्मान से घबराती नहीं हैं। उसकी आत्महत्या की भी चिंता नहीं रहती।

चाणक्य ने कहा कि ऐसी स्त्रियों को पाने के लिए सच्चे, सभ्य और सदगुणों वाले व्यक्ति को अपना स्वभाव बदलना होगा। क्योंकि मद और मोहनी पैदा करने वाली स्त्रियों में स्वभाविक दोष होता है कि वे अपने और परायों में भेद कर सकती हैं। वह बिना सोचे-समझे काम करती है, जो उसके साथ अच्छा व्यवहार करने वालों को ही बर्बाद करती है।

यह नियम सभी महिलाओं पर लागू नहीं होता।

आचार्य चाणक्य की यह नीति हर स्त्री पर लागू नहीं होती। चाणक्य की यह नीति केवल उन्हीं स्त्रियों पर लागू होती है जो मद और मोहनी उत्पन्न करती हैं। ऐसी स्त्रियां सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए पुरुषों को आकर्षित करती हैं।