Chanakaya Niti : पत्नी या गर्लफ्रेंड से कभी नहीं होगी लड़ाई, हमेशा रहोगे खुश, अपनाएँ ये उपाय 

आचार्य चाणक्य एक प्रसिद्ध दार्शनिक, राजनेता और कूटनीतिज्ञ था। उन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है क्योंकि वे भारत को अखंड बनाए। इतिहासकारों ने बताया कि आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को राजा बनाया था।
 

इसके लिए आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को कई बार परीक्षण भी किया था। उनके जीवनकाल में कई महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे गए हैं। नीति शास्त्र सबसे अधिक लोकप्रिय है। इस शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बताया है। चाणक्य ने कहा कि जीवन भर खुश रहने वाले लोग तीन हैं। उन्हें मृत्युलोक में ही स्वर्गीय सुख मिलता है। इनके बारे में जानें:

कृपालु पुत्र

बकौल आचार्य चाणक्य, एक व्यक्ति का पुत्र उसके वश में होता है। उसे धरती पर स्वर्ग की तरह सुख नहीं मिलता। यद्यपि कलिकाल में श्रवण कुमार की तरह एक पुत्र होना मुश्किल है, लेकिन यदि पुत्र अपने पिता की हर बात मानता है तो बात बन जाती है। यदि कोई अपने पिता का सम्मान और सेवा करता है, तो वह जीवन भर खुश रहता है और राजा की तरह जीवन बिताता है।

समर्पित स्त्री

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आज पतिव्रता स्त्री का महत्व बढ़ा है। पुरुषों को बहुत कम आज्ञाकारी पत्नी मिलती है। आचार्य चाणक्य का मत है कि जो व्यक्ति एक आज्ञाकारी पत्नी पाता है वह एक अद्भुत व्यक्ति है। मानो उसे स्वर्ग में स्थान मिला हो। परिवार का विकास तीव्र गति से होता है यदि पति-पत्नी के विचार एक जैसे रहते हैं या मिलते हैं।

दावेदार

धन की तीन गति होती हैं, कहते हैं आचार्य चाणक्य। यदि कोई अमीर बनना चाहता है, तो उसे धन देना चाहिए। उसका धन बर्बाद हो जाता है अगर वह दान नहीं करता। पुराने धर्मों में कहा गया है कि धन को अपने और परिवार के लिए खर्च करना चाहिए। तब बचे हुए पैसे को दान करना चाहिए। धन का विनाश निश्चित है अगर कोई मूर्ख होकर धन संचय करता है। दान करने के अलावा धन बचाने पर भी भगवान कृपा करता है। मृत्युलोक में ही उसे सभी सुख मिलते हैं।