Chanakya Niti : औरतों से भी ज्यादा जरूरी है ये चीजे, समझे ज़िंदगी की कीमत 

नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने सुख-दुख, परिवार, करियर, व्यापार, संतान आदि से संबंधित कई पहलुओं का उल्लेख किया है। आप चाणक्य नीति भी जानते हैं-
 

नीति शास्त्र भी एक निश्चित परंपरा है, ठीक जैसे विज्ञान में कई सिद्धांत खोजे जाते हैं और उनकी पुष्टि बार-बार किए गए प्रयोगों से समान परिणाम मिलते हैं। इसके परिणाम भी समान हैं। यही कारण है कि आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र को विज्ञान (साइंस) कहा है। वे कहते हैं कि नीति शास्त्र का ज्ञान सर्वज्ञ है। यहाँ सर्वज्ञ होने का मतलब अतीत, वर्तमान और भविष्य को समझने की क्षमता है।


ये तीन राशियां शनिदेव से बहुत प्यार करती हैं, इसलिए जीवन भर सुख-समृद्धि मिलती रहती है।

महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ रहे आचार्य चाणक्य। वे सभी भौतिक उपाधियों से बाहर थे। चाणक्य नीति के पहले अध्याय में कहा गया है कि व्यक्ति को धन और स्त्री से पहले किसकी रक्षा करनी चाहिए।

चाणक्य कहते हैं कि धन को किसी कष्ट या आपत्ति से बचाने के लिए सुरक्षित रखना चाहिए। धन खर्च करते हुए भी स्त्रियों की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन व्यक्ति को खुद की भी रक्षा करनी चाहिए।

Chanakya Niti : चरित्रहीन औरतों की होती है ये इच्छाएँ, पति नहीं करता पूरी, तो ढूंढती है पराया मर्द

तदहं सम्प्रवक्ष्यामि लोकहितकाम्यया।
विज्ञानमात्रेण सर्वज्ञत्वम् प्रपद्यते॥

चाणक्य ने कहा कि नीति शास्त्र पढ़कर कोई भी व्यक्ति दुनियादारी और राजनीति की बारीकियों को समझ लेगा और सर्वज्ञ बन जाएगा। यहां चाणक्य का अर्थ सर्वज्ञ है, अर्थात् ऐसी बुद्धि जो किसी को समय के अनुरूप हर परिस्थिति में निर्णय लेने की क्षमता देती है। जानकारी होने पर भी, समय पर निर्णय नहीं लेना बेकार है। हितों की रक्षा भी तभी संभव है।