घर में रखी इन चीज़ों को आज ही बदले, घर का वास्तु रहेगा हमेशा ठीक 

आज आप आचार्य इंदु प्रकाश से वास्तु शास्त्र में जानेंगे कि घर में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

 

Vastu सुझाव: आज वास्तु शास्त्र में चर्चा करेंगे कि आपके शरीर के किसी हिस्से में दर्द होने पर किस दिशा की वास्तु में सुधार करने से उस दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। तो ध्यान दीजिए। अगर दिमागी परेशानी है तो उत्तर पश्चिम (North west), अगर पेट संबंधी परेशानी है तो दक्षिण पश्चिम (south west), अगर पैरों में दिक्कत है तो पूर्व दिशा, अगर कान में परेशानी है तो उत्तर दिशा, अगर हाथों में दिक्कत है तो ईशान कोण (north east), अगर कमर में परेशानी है तो दक्षिण पूर्व (south east), अगर आंखें ठीक रखनी है तो दक्षिण और अगर मुख यानि चेहरे को निरोगी और तरोताजा रखना चाहते हैं तो पश्चिम दिशा के वास्तु को ठीक कीजिये आपको आराम जरूर मिलेगा।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्य देव को पूर्व दिशा में देखा जाता है। साथ ही, मंदिर बनाने के लिए घर की पूर्व या उत्तर दिशा को ही चुना जाता है क्योंकि ये दिशाएं शुभ होती हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की पूर्व दिशा में कभी भी सीढ़ियां नहीं बनानी चाहिए। पूर्व दिशा में सीढ़ियों का निर्माण करवाने से घर की खुशी और उसके सदस्यों पर बुरा असर पड़ता है। धीरे-धीरे परिवार को मिलने वाले अच्छे अवसर भी हाथ से फिसल जाते हैं। साथ ही, पूर्व दिशा में सीढ़ियों का होना दिल की बीमारी का संकेत है। 

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यह वास्तु तकनीक आपको आग्नेय कोण में सीढ़ियां बनाने में भी सक्षम बना देगी। ज्योतिष के अनुसार, आप आग्नेय कोण की दक्षिण दिशा में सीढ़ियां बना सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि ये सीढ़ियां पूर्व दिशा की दीवार को नहीं छूती। यदि आप घुमावदार सीढ़ियां बनाना चाहते हैं तो सीढ़ियों का घुमाव घड़ी की दिशा में होना चाहिए। इस तरह की सीढ़ियों को चलाने के लिए आपको पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर या उत्तर से पूर्व दिशा का चुनाव करना चाहिए।