Cheque Rules : इस वक़्त करने होते है चेक के पीछे साइन, जान लें काम की बातें
Cheque Signature : हम चेक से कई वित्तीय लेनदेन करते हैं। हमारे चेक को भरते समय एक छोटी सी गलती से बाउंस हो सकता है। जब आप चेक भरते हैं, उसके पीछे आपका साइन होना चाहिए। लेकिन अधिकांश लोग इसके नियमों से अनजान हैं। यदि आप भी चेक के जरिए भुगतान करते हैं, तो आपको चेक के पीछे साइन क्यों किया जाता है और कब किया जाता है।
Feb 9, 2024, 00:37 IST
Haryana Update : आज हम कई वित्तीय लेनदेन कर सकते हैं। हम चेक, एटीएम या नेट बैंकिंग का उपयोग करके किसी भी तरह का भुगतान कर सकते हैं। वैसे भी, किसी भी तरह की खरीददारी करते समय हमें कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। हमें चोट लग सकती है। यदि आप चेक से भुगतान करते हैं, तो आप बहुत सतर्क रहना चाहिए। आपका चेक खराब हो सकता है एक छोटी सी गलती से। ज्यादा चेक बाउंस आपको जेल भी जा सकता है।
जब भी आप चेक से कोई भुगतान करते हैं, आप चेक के पीछे भी साइन करते हैं। बहुत से लोग नहीं जानते कि चक पर साइन क्यों लगाया जाता है। आइए, इस लेख में हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देंगे।
चेक पर क्यों साइन होता है?
हर चेक पर साइन नहीं है। बियरर्स के चेक के पीछे ही साइन होता है। आपको बता दें कि बैंक में जाकर आप बियरर्स चेक जमा करवाते हैं। इस चेक में किसी का नाम नहीं है। ऑर्डर चेक पर आपको साइन करने की जरूरत नहीं है। जिस चेक में आप किस व्यक्ति को पैसे दे रहे हैं, उसे ऑर्डर चेक कहते हैं। बैंक अधिकारी पहले ऑर्डर चेक की जांच करते हैं, फिर पैसे भेजे जाते हैं।
बियरर्स पीछे साइन क्यों करते हैं?
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दरअसल, बियरर्स चेक चोरी का खतरा बना रहता है। अगर बैंक उस चेक को एक्सेप्ट कर लेता है तो बैंक के खिलाफ भी मुकदमा चल सकता है। बैंक इसलिए चेक पर साइन करता है। इससे पता चलता है कि बैंक ने पैसे भेजे हैं। बैंक को कोई दोष नहीं है अगर कोई गलत व्यक्ति को ट्रांसफर किया जाता है।
बैंक भी 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर ग्राहक से एड्रेस प्रूफ मांगता है। वह फिर ग्राहक को पैसा देता है। आगे की हस्ताक्षर को वेरीफाई करने के लिए कई बैंक पीछे की हस्ताक्षर भी मांगते हैं। अगर कोई साइन नहीं करता, तो कैश निकालने के लिए बैंक में फॉर्म भरना होगा।
इन परिस्थितियों में चेक पर साइन करना आवश्यक नहीं है
ऑर्डर या पेयी चेक पर साइन करना आवश्यक नहीं है। इसके अलावा, बियरर्स के चेक पर अक्सर हस्ताक्षर नहीं होते। यह तब होता है जब ग्राहक अपने खुद के अकाउंट से चेक निकालते हैं। इसका अर्थ है कि अगर कोई तीसरा व्यक्ति बियरर्स चेक के साथ पैसे निकालने आता है, तो उसे चेक पर साइन करना होगा।
जब भी आप चेक से कोई भुगतान करते हैं, आप चेक के पीछे भी साइन करते हैं। बहुत से लोग नहीं जानते कि चक पर साइन क्यों लगाया जाता है। आइए, इस लेख में हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देंगे।
चेक पर क्यों साइन होता है?
हर चेक पर साइन नहीं है। बियरर्स के चेक के पीछे ही साइन होता है। आपको बता दें कि बैंक में जाकर आप बियरर्स चेक जमा करवाते हैं। इस चेक में किसी का नाम नहीं है। ऑर्डर चेक पर आपको साइन करने की जरूरत नहीं है। जिस चेक में आप किस व्यक्ति को पैसे दे रहे हैं, उसे ऑर्डर चेक कहते हैं। बैंक अधिकारी पहले ऑर्डर चेक की जांच करते हैं, फिर पैसे भेजे जाते हैं।
बियरर्स पीछे साइन क्यों करते हैं?
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दरअसल, बियरर्स चेक चोरी का खतरा बना रहता है। अगर बैंक उस चेक को एक्सेप्ट कर लेता है तो बैंक के खिलाफ भी मुकदमा चल सकता है। बैंक इसलिए चेक पर साइन करता है। इससे पता चलता है कि बैंक ने पैसे भेजे हैं। बैंक को कोई दोष नहीं है अगर कोई गलत व्यक्ति को ट्रांसफर किया जाता है।
बैंक भी 50,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर ग्राहक से एड्रेस प्रूफ मांगता है। वह फिर ग्राहक को पैसा देता है। आगे की हस्ताक्षर को वेरीफाई करने के लिए कई बैंक पीछे की हस्ताक्षर भी मांगते हैं। अगर कोई साइन नहीं करता, तो कैश निकालने के लिए बैंक में फॉर्म भरना होगा।
इन परिस्थितियों में चेक पर साइन करना आवश्यक नहीं है
ऑर्डर या पेयी चेक पर साइन करना आवश्यक नहीं है। इसके अलावा, बियरर्स के चेक पर अक्सर हस्ताक्षर नहीं होते। यह तब होता है जब ग्राहक अपने खुद के अकाउंट से चेक निकालते हैं। इसका अर्थ है कि अगर कोई तीसरा व्यक्ति बियरर्स चेक के साथ पैसे निकालने आता है, तो उसे चेक पर साइन करना होगा।