EMI Bounce: बैंक कैसे वसूलते हैं चार्ज और कैसे बचाएं क्रेडिट स्कोर

EMI Bounce: अगर आपने लोन लिया है और ईएमआई बाउंस हो जाती है, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। नए नियमों के तहत कुछ मामलों में पेनाल्टी से राहत मिल सकती है। इससे लोन लेने वाले ग्राहकों को बड़ा फायदा होगा। किन परिस्थितियों में आपको पेनाल्टी नहीं देनी होगी, इसकी पूरी जानकारी के लिए नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
 
Haryana update, EMI Bounce: कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं जब लोनधारक समय पर ईएमआई का भुगतान करने में असमर्थ हो जाता है। ईएमआई का बाउंस होना वित्तीय मामलों में एक गंभीर समस्या बन सकता है। इससे न केवल अतिरिक्त चार्ज देना पड़ता है बल्कि क्रेडिट स्कोर पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको बताएंगे कि ईएमआई बाउंस होने पर कितना जुर्माना लगता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

ईएमआई बाउंस होने पर कितना लगता है चार्ज?  EMI Bounce

हर बैंक का अपना अलग नियम होता है कि वह ईएमआई बाउंस होने पर कितना जुर्माना लगाएगा। बैंक उधारकर्ताओं से यह चार्ज वसूलते हैं, जो कि बैंक की पॉलिसी के अनुसार तय होता है। उदाहरण के लिए:

  • HDFC बैंक ईएमआई बाउंस होने पर ₹100 से ₹1,300 तक का जुर्माना लगाता है।
  • कोटक बैंक चूक की गई राशि का 8% बतौर पेनाल्टी वसूलता है।
  • ICICI बैंक ₹100 से ₹1,000 तक का जुर्माना लगाता है।

अगर आप इन अतिरिक्त शुल्कों से बचना चाहते हैं, तो लोन की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और समय पर पुनर्भुगतान करें।

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क्रेडिट स्कोर पर क्या असर पड़ता है?  EMI Bounce

ईएमआई का समय पर भुगतान न होने से क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ता है। जब कोई व्यक्ति लोन की ईएमआई नहीं चुका पाता, तो उसकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाती है।

  • जितनी बार ईएमआई बाउंस होगी, क्रेडिट स्कोर उतना ही नीचे जाएगा।
  • अगर लगातार देरी होती है, तो भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
  • क्रेडिट स्कोर पिछले 36 महीनों की क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करता है, इसलिए समय पर भुगतान करना जरूरी है।

क्रेडिट स्कोर को बचाने के लिए जरूरी है कि आप बकाया ईएमआई जल्द से जल्द चुका दें और ऑटो-डेबिट सुविधा का उपयोग करें।

क्रेडिट स्कोर खराब होने से कैसे बचें?  EMI Bounce

अगर आपकी ईएमआई बाउंस हो गई है, तो सबसे पहले बैंक की ग्राहक सेवा से संपर्क करें।

  • बैंक से खुलकर बात करें: कुछ बैंक अपनी पॉलिसी के तहत देरी से भुगतान पर शुल्क माफ कर सकते हैं।
  • समय पर भुगतान करें: जितना जल्दी हो सके बकाया राशि चुका दें ताकि क्रेडिट स्कोर खराब न हो।
  • ऑटो-पेमेंट सेट करें: इससे आपकी ईएमआई तय समय पर कट जाएगी और भूलने की समस्या नहीं होगी।
  • आरबीआई के नियमों को समझें: खाता केवल तभी ओवरड्यू माना जाता है जब बिलिंग स्टेटमेंट की तारीख से तीन दिन बाद भी भुगतान नहीं किया जाता।