BPL सूची में बदलाव! सरकार ने तय की नई आय सीमा, ये शर्तें होगी लागू
Haryana update : हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक प्रगतिशील कदम उठाते हुए BPL आय सीमा को ₹30,000 से बढ़ाकर ₹1.50 लाख कर दिया है। इस निर्णय से राज्य के गरीब परिवारों को आर्थिक मदद मिलने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी अधिक लोगों तक पहुंचेगा। यह कदम आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
BPL सूची की समीक्षा और नई शर्तें
हिमाचल प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि अप्रैल महीने में BPL परिवारों की सूची की व्यापक समीक्षा की जाएगी। इस समीक्षा में नई आय सीमा को लागू किया जाएगा, जिसके तहत अब ₹1.50 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवार BPL सूची में शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा, जिनके पास पक्का मकान और निजी वाहन नहीं है, उन्हें भी इस सूची में शामिल किया जाएगा। यह कदम ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
नई पात्रता शर्तें और प्राथमिकताएं
नए नियमों के तहत महिला या विकलांग मुखिया वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, मनरेगा के तहत 100 दिन काम करने वाले परिवार और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त सदस्य वाले परिवारों को भी BPL सूची में स्थान मिलेगा। यह विशेष पहल समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जिससे अधिक लोग सरकारी सहायता का लाभ उठा सकेंगे।
केंद्रीय कोटा और राज्य की स्थिति
केंद्र सरकार ने BPL सूची के लिए हिमाचल प्रदेश के लिए 2,82,370 परिवारों का कोटा निर्धारित किया है। वर्तमान में 2.66 लाख से अधिक परिवार इस सूची में शामिल हैं, जबकि 16,066 नए परिवारों को इसमें जोड़ा जा सकता है। इस बदलाव से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार अब उन परिवारों को BPL सूची में जोड़ने का मौका पा सकती है जो इससे अब तक वंचित रहे थे।
बीपीएल सूची की पिछली समीक्षा और उसकी चुनौतियां
हिमाचल प्रदेश में पिछले 21 महीनों से BPL सूची की समीक्षा नहीं की गई थी। इस कारण कुछ अपात्र परिवार अभी भी सूची में शामिल थे और वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। इसके कारण वास्तविक जरूरतमंद परिवारों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा था।
अप्रैल में होने वाली समीक्षा से नई उम्मीदें
अप्रैल में होने वाली ग्रामसभा की बैठक और BPL सूची की समीक्षा से राज्य सरकार को अपात्र परिवारों को सूची से बाहर करने और नए पात्र परिवारों को जोड़ने का अवसर मिलेगा। यह समीक्षा पारदर्शिता को बढ़ावा देगी और वास्तविक हकदार परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह कदम हिमाचल प्रदेश में सामाजिक और आर्थिक समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।