उड़नपरी दादी : हरियाणा में 106 साल की दादी चाहती है अब उड़ना, बोली मुझे जहाज में उड़ना है 

106 वर्षीय रामबाई, जिसे उड़नपरी दादी कहा जाता है, चार साल के दौरान देश भर में अपनी प्रतिभा से मेडलों का शतक लगा चुकी है।
 

रामबाई ने कहा कि वह अपने जीवन के अंतिम समय में विदेश से स्वर्ण पदक लाने का सपना पूरा कर सकती है अगर सरकार उसे सहायता देती है। रामबाई ने विदेश में खेलने की इच्छा से पासपोर्ट भी बनवा लिया है।

यह बताया गया है कि गांव कादमा की 106 वर्षीय रामबाई ने चार साल पहले बुजुर्गों को दौड़ते देखा और खेतों के छोटे रास्तों पर दौड़ लगानी शुरू कर दी। नातिन शर्मिला ने दादी को खेतों में दौड़ते देखा और उसकी अच्छी तैयारी करते हुए खेल के मैदान में उतारा।

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रामबाई की कोशिश रंग लाई और पहले ही प्रयास ने राज्यस्तर पर मेडल जीत लिया। तब से रामबाई ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक बार में मेडलों का शतक बनाया। दादी रामबाई ने बताया कि आज भी वह स्वस्थ्य है और अपना काम खुद करती है। वह खेतों में कच्चे रास्ते भी चलाती है। नातिन ने भी उसका पासपोर्ट बनाया है।