Haryana Kisan Scheme : बागवानी किसानों के लिए गोल्डन चान्स, हरियाणा सरकार ने किसानो को दी 166 करोड़ 20 लाख की सब्सिडी

हरियाणा सरकार ने बागवानी क्षेत्र के किसानों को कोई खुशखबरी नहीं दी है। इसके तहत 25  लाख लाभार्थियों को 166 करोड़ 20 लाख की सब्सिडी दी गई है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकार ने वर्तमान में कुल फसल क्षेत्र के लगभग 7 प्रतिशत के बागवानी क्षेत्र को 22 लाख एकड़ करने का लक्ष्य रखा है और वर्ष 2030 तक उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य रखा है।
 

इसके लिए विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फल और सब्जी उत्पादक प्रगतिशील किसानों से सीधा संपर्क किया।

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किसानों ने मुख्यमंत्री की प्रशंसा की

संवाद के दौरान प्रगतिशील किसानों ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि हरियाणा सरकार सही मायने में किसानों की मदद कर रही है।

किसानों ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि लागत को कम करने के साथ-साथ उपज को बाजार तक पहुंच दिलाने वाली नई योजनाएं हमें दी हैं।

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना और भावांतर भरपाई योजना को लागू करके सरकार ने किसानों को काफी राहत दी है।


मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान रेवाड़ी जिले के प्रगतिशील किसान अजीत सिंह को बैंगन की खेती में अधिक मुनाफा कमाने पर सम्मानित करने का आदेश दिया है।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुख्यमंत्री की कार्रवाई

फिरोजपुर झिरका के एक प्रगतिशील किसान आरिफ ने मुख्यमंत्री को बताया कि योजना के लाभ के लिए 7000 रुपये की रिश्वत ली गई थी।

मुख्यमंत्री ने शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए नूंह के फिरोजपुर झिरका ब्लॉक के बागवानी विकास अधिकारी श्याम सिंह को बर्खास्त कर दिया।

मुख्यमंत्री को झज्जर जिले के एक किसान ने बताया कि जिले के एचडीओ को बागवानी फसल की भावांतर भरपाई योजना की कोई जानकारी नहीं है।

मुख्यमंत्री ने इस पर भी तुरंत कार्रवाई करते हुए एचडीओ सुकराम पाल को लिखित में प्रदर्शन करने का आदेश दिया।

राज्य सरकार के किसानों के साथ

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार की नीतियां किसानों और खेती पर आधारित हैं। हर कदम पर सरकार किसानों को मदद कर रही है।

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राज्य सरकार किसानों को बीज से लेकर बाजार तक सभी सुविधाएं प्रदान करती है, बुवाई से पहले, बुवाई के बाद और फसल कटाई के बाद भी।

उनका कहना था कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से कहा है कि वे खतरनाक कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरक का कम से कम उपयोग करें और प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर बढ़ें।

उनका कहना था कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने प्राकृतिक आपदाओं से बागवानी फसलों को नुकसान पहुँचाने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना बनाई है।

उनका कहना था कि सरकार फलों और सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने और मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई रियायतें और सुविधाएं दे रही है।

अनुसूचित जातियों के सदस्यों को भी बागवानी और मधुमक्खी पालन में रुचि है।

इसके लिए भी सरकार उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाती है। अनुसूचित जाति के किसान 85 प्रतिशत अनुदान पाते हैं।
 

1763 गांवों में 393 बागवानी फसलों को चिह्नित किया गया


नोहर लाल ने कहा कि बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। इसके द्वारा 1763 गांवों में 393 बागवानी फसल समूहों का पता लगाया गया है।

प्रत्येक क्लस्टर में 300 किसानों के साथ एक फौजदारी संगठन बनाया जा रहा है।

साथ ही, प्रत्येक क्लस्टर में बागवानी उपज की बिक्री और किसानों को बाजार से सीधे जोड़ने के लिए एकीकृत पैक हाउस भी बनाया जा रहा है।


116 करोड़ रुपये की लागत वाली 44 परियोजनाएं चालू हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने फूड प्रोसेसिंग नीति बनाकर बागवानी को बढ़ावा दिया है। इस नीति ने कृषि पर आधारित उद्यमों को बढ़ावा दिया है।

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ऐसे उद्योगों की स्थापना से किसानों को उनके उत्पादों का अधिक लाभ मिलेगा।

इस नीति के तहत 33 परियोजनाओं को लगभग 94 करोड़ रुपये की राशि से पूरा किया गया है, और इस वर्ष के अंत तक लगभग 116 करोड़ रुपये की लागत की 44 अन्य परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।