हरियाणा की ये अवैध कॉलोनियां तोड़ने की बजाय सरकार लोगो को पूर्ण हक्क से देगी वापिस, बस माननी होगी ये शर्ते 

गुरुग्राम, हरियाणा में 59 अवैध कॉलोनियों को नियंत्रित करने का खाका बनाया गया है। इसमें 26 अवैध कॉलोनियां गुरूग्राम नगर निगम क्षेत्र की हैं और 33 मानेसर नगर निगम क्षेत्र की हैं। इन अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए दोनों नगर निगमों ने सर्वे पूरा कर लिया है। अब प्रस्ताव बनाकर शहरी स्थानीय निकाय को भेजा जाएगा।

 

मानेसर निगम की तीन कॉलोनियां पहले से ही अधिनियमित हैं। ऐसे में सरकार अब 33 कॉलोनियों को भी नियंत्रित करेगी। गुरूग्राम नगर निगम ने सरकार को भेजने के लिए कॉलोनियों की सूची बनाई है।


103 अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में। 63 कॉलोनियों की सर्वे रिपोर्ट नगर निगम से मुख्यालय को भेजी जाएगी। अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा। ऐसे में अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सरकार से बुनियादी सुविधाएं मिलेंगी अगर वे नियमित हो जाएंगे।

इन कॉलोनियों का सर्वे नगर निगम ने किया है: श्याम कुंज, गंगा विहार, साहिब कुंज, मयूर कुंज, एसपीआर कॉलोनी, चंदन विहार द्वितीय, रायल भवानी कॉलोनी, न्यू पालम विहार वन और टू, लक्ष्मण विहार, सरस्वती कॉलोनी, एकता कॉलोनी, 57, धनकोट कॉलोनी। कॉलोनी, सूरत नगर फेज़ 1 एक्सटेंशन, सियाराम एन्क्लेव, आरआर कॉलोनी, वाटिका कुंज, निहाल कॉलोनी एक्सटेंशन, पंचावली, मारुति कुंज, वाटिका कुंज भाग-2, सरस्वती एन्क्लेव एक्सटेंशन 1, सरस्वती एन्क्लेव एक्सटेंशन 2, शांति कुंज भाग 2 और स्नेह विहार का सर्वे पूरा हो गया है

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मुख्यालय को इन कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। मानेसर निगम की 37 अवैध कॉलोनियों को नियंत्रित करना होगा। जिनमें से सरकार ने तीन कॉलोनियों को नियमित किया है और एक को रद्द कर दिया है क्योंकि कॉलेज की जमीन पर कॉलोनी है। सर्वे कॉर्पोरेशन ने अब 33 कॉलोनियां भी बनाई हैं। उनका सुझाव भी सरकार को भेजा जाएगा।

लोगों को मिलेगी ये सुविधाएं: अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को नगर निगम या किसी अन्य विभाग से कोई सुविधा नहीं दी जा सकती है। कॉलोनी को नियमित करने के बाद नगर निगम सड़क, सीवर और पेयजल की सुविधाएं प्रदान करेगा। स्ट्रीट लाइट लगाने, पार्क बनाने और घर-घर कूड़ा उठाने की सुविधाएं भी नगर निगम की ओर से दी जाएंगी। 19 जुलाई को सरकार ने कॉलोनियों को 2022 तक नियंत्रित करने के नियम बनाए, जो 6 अप्रैल 2023 को संशोधित किए गए। प्रदेश के सभी जिलों से अवैध कॉलोनियों की सूची की जांच की गई।