KMP Express Way: केएमपी एक्सप्रैस- वे सफर करने वाले लोग जान ले ये बातें, नही है सुरक्षा के कोई इंतजाम

KMP Express Way: कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग शुरू हुए कई साल हो गए हैं, लेकिन सफर करना खतरे से कम नहीं है। यह शुरू होने से पहले आवश्यक सुविधाएं यहां अभी भी नहीं हैं।
 

KMP Express Way: कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग शुरू हुए कई साल हो गए हैं, लेकिन सफर करना खतरे से कम नहीं है। यह शुरू होने से पहले आवश्यक सुविधाएं यहां अभी भी नहीं हैं। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं, लेकिन पेट्रोल पंप, लाइट, पंचर, मैकेनिक और एंबुलेंस भी नहीं हैं। इसलिए इस हाईवे पर यात्रा करते समय सावधान रहें।

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डीजल और पेट्रोल से यात्रा करें

इस एक्सप्रेसवे पर 135 किलोमीटर की दूरी पर कुछ ही पेट्रोल स्टेशन हैं, इसलिए अपनी कार की टंकी भर लें। इसके अलावा, अपने कार के टायरों की पूरी तरह से जांच करें। अगर कार के टायर कमजोर हो गए तो आपको हाईवे पर नहीं मिलेगा और आपको कई किलोमीटर नीचे घूमना पड़ सकता है।

सड़क खराब होने लगी

इस सड़क को बनाने में लगभग पांच साल हो गए हैं। लेकिन कुछ स्थानों पर गहरे गड्ढे बन रहे हैं। जो रात में नहीं दिखाई देते वाहन चालकों को मरम्मत की कमी भी एक बड़ी समस्या है। लोगों ने प्रशासन से पहले इस हाईवे की मरम्मत की मांग की।

नूंह क्षेत्र में किसी भी कमी को लिखकर दूर किया जाएगा। यह मेवात को जोड़ने वाला मुख्य राजमार्ग है, इसलिए इसकी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आसपास की अन्य सुविधाओं पर विचार किया जाएगा।

PM Narendra Modi ने लगभग पांच साल पहले KMP Expressway का उद्घाटन किया था। पलवल से कुंडली तक इस राजमार्ग पर कई टोल टैक्स हैं। पलवल से कुंडली तक राजमार्ग करीब 135 किलोमीटर लंबा है। हर जगह पुलिस है, लेकिन कोई पेट्रोल पंप, स्ट्रीट लाइट, मैकेनिक या टायर पंक्चर नहीं लगाता। मानेसर से कुंडली तक परिस्थितियां और भी खराब हैं। स्ट्रीट लाइटें लग चुकी हैं, लेकिन अभी भी काफी जगह बाकी हैं। दिन में सुरक्षा के लिए कुछ जगहों पर पीसीआर दिखाई देती है, लेकिन शाम होते ही गायब हो जाती है। नूंह के रेवासन टोल प्लाजा पर भी दिन भर गश्त करने के बजाय पुलिस की गाड़ियां खड़ी रहती हैं। यह इतनी लापरवाही है जबकि यहां पहले भी डकैतियां हुई हैं।

कोई प्रकाश नहीं जल रहा है

लाइटें जहां भी हैं, पूरी तरह से नहीं जलती हैं। यहाँ एक असुरक्षित भावना है। मानेसर से लाइटिंग का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। इसलिए रात नहीं होती थी और अधिकांश जगह अंधेरा था। जिससे वारदात आसानी से हो सके। ऐसे कई मामले पहले भी हुए हैं।