Property Document : प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करवाते समय चैक कर लें ये कागजात, नहीं तो हो जाएगा Scam 

Property Rules : धोखाधड़ी अक्सर संपत्ति खरीदते समय होती है। ऐसे में, मकान या जमीन की रजिस् ट्री कराने से पहले सभी दस्तावेज पूरे होने की जरूरत है। हम स् टेप बाई स् टेप बता रहे हैं कि आपको क्या करना चाहिए।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 

Haryana Update : मकानों की बिक्री इस साल अविश्वसनीय रूप से बढ़ी है, यह रिपोर्ट Property Advisory Firm Night Frank ने जारी की है। वास्तव में, प्रॉपर्टी बाजार फिर से चमकने लगा है। आप भी घर या जमीन को रजिस् ट्री कराने के लिए तैयार होंगे। भूमि या घर की रजिस्ट्री करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए, यह जानना सबसे पहले महत्वपूर्ण है।

वास्तव में, जमीन या मकान की रजिस् ट्री कराना एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें संपत्ति खरीदने वाला व्यक्ति अपने मालिक से संपत्ति को अपने नाम करता है। इस प्रक्रिया में उस संपत्ति का कानूनन स्वामित्व मिलता है। इसलिए इसमें भी बहुत सारे दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। यहां आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विक्रेता की ओर से जमा किए गए दस्तावेज सही हैं।
पहले मालिक खोजें

आपको पता होना चाहिए कि जमीन बेचने वाला व्यक्ति असली मालिक है या नहीं। आप चाहें तो पेशेवरों या वकील की मदद ले सकते हैं। व्यापार टैक्स और संपत्ति टैक्स की रसीदों की जांच करने के लिए बेहतर होगा कि आप एक वकील से मिलें। इससे संपत्ति के पिछले 30 साल की जानकारी मिल सकती है।

जनता को सूचना दें

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले स्थानीय अखबारों में इश्तिहार छपवा दें इससे आपको खरीदने से पहले ही पता चल जाएगा कि जमीन विवाद में है या उस पर कोई दावा किया जा रहा है। आपको पता चलेगा कि उस जमीन पर थर्ड पार्टी का अधिकार है या नहीं।

Delhi से हरियाणा जाने वालों की हो गई मौज, इस नए Expressway से लगेगा अब कम समय
अटॉर्नी बल की जांच-परख करें

पॉवर ऑफ अटॉर्नी अक्सर जमीन या संपत्ति की बिक्री करता है। यह धोखाधड़ी का सबसे अधिक मौका है। आपको पॉवर ऑफ अटॉर्नी में उल्लिखित संपत्ति बेचने के लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता लेनी चाहिए। इस लंबी प्रक्रिया में कई दस्तावेजों की अदला-बदली होती है। आप इससे बचने के लिए अपनी ओर से किसी को नियुक्त कर सकते हैं।

रजिसट्री से पहले इन दस्तावेजों की जांच करें।

टाइटल डीड : जब आप जमीन खरीदने जा रहे हैं, तो पहले यह सुनिश्चित करें कि उसी व्यक्ति के नाम पर संपत्ति होगी।

एनओसी: आपको किसी संपत्ति के साथ नो ऑबजेकशन सर्टिफिकेट, या एनओसी मिलता है, जो बताता है कि आपकी संपत्ति किसी दूसरे डेवलपर या बिलडर से नहीं संबंधित है।

Tax Receipts मांगें: अगर आप संपत्ति पर चुकाए गए टैक्स की जानकारी मांगते हैं, तो आपको पता चलेगा कि संपत्ति सरकारी दस्तावेजों में भी उल्लेखित है। इसमें यह भी पता चलेगा कि उस संपत्ति पर कोई पुराना कर या भुगतान नहीं है।

बैंक सही मार्ग बताएंगे


यदि आप किसी संपत्ति को खरीदने के लिए बैंक से लोन लेते हैं, तो यह कानूनी प्रक्रिया के लिहाज से सबसे सरल विकल्प है क्योंकि बैंक तभी आपको लोन देगा जब संपत्ति पूरी तरह सही होगी। बैंक आपका लोन खारिज कर देगा अगर संपत्ति के कानूनी दस्तावेजों में कोई कमी है, जिससे आप भी धोखाधड़ी से बच जाएंगे।