Property Rules : प्रॉपर्टी खरीदते वक़्त ना करें ये 5 गलतियाँ, नहीं तो....

Property Document : प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े कई मामलों में, लोग सिर्फ पूरा भुगतान करने के लिए एक समझौता बनाते हैं और फिर उस प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेते हैं। लेकिन आप मुसीबत में फंस सकते हैं यदि संपत्ति बेचने वाला व्यक्ति उस पर कुछ समय बाद दावा कर दे।आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

 

Haryana Update : हम सभी जानते हैं कि महंगाई के इस दौर में संपत्ति खरीदना कोई छोटी बात नहीं है। Property खरीदने के लिए व्यक्ति अपनी पूरी कमाई लगा देता है। साथ ही, ऐसे लोग भी हैं जो अपने जीवन की पूरी कमाई अपने सपने का घर बनाने में खर्च कर देते हैं।


भूमि डीलिंग हमेशा महंगी होती है, इसलिए हमेशा सावधान रहना चाहिए और कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए। Property खरीदते समय आप कुछ भी गलत कर सकते हैं या "लालच" कर सकते हैं। इसके बाद आप चाहते हुए भी कुछ नहीं कर सकेंगे।

लोग छोटे पैसे बचाने के चक्कर में फंस जाते हैं

प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़ी कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण बातें आज हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल, आपको सरकार को स्टांप ड्यूटी देनी होगी अगर आप संपत्ति खरीदते हैं। आपकी संपत्ति स्टांप ड्यूटी देने के बाद ही रजिस्ट्री की जाती है। लेकिन दुःख की बात है कि बहुत से लोग पैसे के लालच में आकर स्टांप ड्यूटी नहीं देते हैं। जिससे उनकी संपत्ति भी नहीं मिल सकती।


यह हैरान करने वाला है कि लाखों रुपये की संपत्ति खरीदने वाले लोगों को स्टांप ड्यूटी के थोड़े-से पैसे बचाने के लिए संपत्ति डील का बल या पूरी तरह से भुगतान करने का अनुबंध मिलता है। जबकि ये कानूनन अनुचित है। आपको किसी भी संपत्ति का कानूनन मालिकाना हक नहीं मिल सकता है, चाहे वह पूरी रकम की पेशकश हो या अटॉर्नी अधिकार हो।

आज हम आपको पूरी तरह से पेमेंट एग्रीमेंट के बारे में बताएंगे और इसके कारण संपत्ति खरीदने में क्या नुकसान हो सकता है।

क्या है पूर्ण भुगतान समझौता?

देश भर में संपत्ति की पक्की रजिस्ट्री के बजाय बहुत से लोग पूरी तरह से भुगतान करने वाले एग्रीमेंट बनाते हैं। वास्तव में, संपत्ति की पक्की रजिस्ट्री के लिए एक स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ती है, जिसे बचाने के लिए लोग संपत्ति का पूरा भुगतान एग्रीमेंट बनाते हैं। लेकिन कानून की दृष्टि से ये पूरी तरह से गलत है। पूर्ण भुगतान एग्रीमेंट के बारे में जानने से पहले आपको पता होना चाहिए कि इससे किसी भी संपत्ति का कानूनन स्वामित्व नहीं मिलता है।

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कानूनन मालिकाना हक नहीं देता पूर्ण भुगतान एग्रीमेंट

Full payment agreement के बारे में हम सभी को जानना बहुत जरूरी है। ध्यान दें कि पूरा भुगतान करार सिर्फ एक निश्चित अवधि के लिए होता है, जो किसी संपत्ति का पूरा भुगतान करने के बाद किया जाता है। ऐसे में, किसी संपत्ति की पूरी राशि देने से आप कानूनन मालिक नहीं बन सकते। कानूनन मालिक बनने के लिए किसी संपत्ति की रजिस्ट्री करनी चाहिए।

प्रॉपर्टी बेचने वाला ही कोर्ट में चुनौती दे सकता है

प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े कई मामलों में, लोग सिर्फ पूरा भुगतान करने वाली डीड बनाने के बजाय प्रॉपर्टी खरीदने के लिए डीड बनाते हैं। लेकिन आप मुसीबत में फंस सकते हैं यदि संपत्ति बेचने वाला व्यक्ति उस पर कुछ समय बाद दावा कर दे।

यही नहीं, प्रॉपर्टी बेचने वाले की मृत्यु के बाद अक्सर उसके करीबी रिश्तेदार या बच्चे ही प्रॉपर्टी पर दावा करते हैं। ऐसे हालात में आपको सिर्फ भारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बिना रजिस्ट्री के आप मालिकाना हक का दावा नहीं कर सकते, इस तरह के मामले कोर्ट में हमेशा कमजोर होते हैं। आपने खून-पसीने की कमाई से जो संपत्ति खरीदी है, उसे अंततः गंवाना पड़ता है।

बहुत महत्वपूर्ण है रजिस्ट्री

जब आप संपत्ति खरीदते हैं, तो आपको स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होगा और इसे रजिस्ट्री करना होगा। इसलिए संपत्ति खरीदते समय स्टांप ड्यूटी देकर उसे जल्दी से रजिस्ट्री करा लेना चाहिए। रजिस्ट्री कराने के बाद संपत्ति का दाखिल खारिज करना भी अनिवार्य है।